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2022 में निवेशकों के पास मुकेश अंबानी की कंपनी में निवेश का मौका, आ सकता है रिलायंस जियो का आईपीओ

देश के सबसे अमीर उद्योगपति रिलांयस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani)  अपने टेलीकॉम कंपनी रिलांयस जियो ( Reliance Jio) की स्टॉक एक्सचेंज ( Stock Exchanges) पर लिस्टिंग कराने की तैयारी में है. 2022 में रिलायंस जियो  ( Reliance Jio)का आईपीओ ( Intial Public Offering) आ सकता है.

एलआईसी के आईपीओ ( LIC IPO)  के बाद देश का ये दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है.  शेयर बाजार के निवेशकों के लिए रिलायंस समूह  ( Reliance Jio) की कंपनी में सुनहरा मौका होगा. आपको बता दें 2016 में टेलीकॉम कारोबार को लॉन्च करने वाली रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) महज पांच सालों में भारती एयरटेल ( Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया ( Vodafone Idea)को पछाड़ते हुए देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई.

विदेशी निवेशकों ने किया जियो में निवेश 

दरअसल विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) की स्टॉक एक्सचेंजों ( Stock Exchanges) पर इस साल लिस्टिंग ( Listing) हो सकती है. CLSA ने एक रिसर्च नोट में कहा कि वर्ष 2022 में टेलिकॉम सेक्टर ( Telecom Sector) में बड़े घटनाक्रम देखने को मिलेंगे जिसमें 5जी स्पेक्ट्रम ( 5G Spectrum) की नीलामी और रिलायंस जियो  ( Reliance Jio)की संभावित लिस्टिंग शामिल है.

मुकेश अंबानी  ( Mukesh Ambani) जियो में 33% हिस्सेदारी 13 निवेशकों को बेच चुके हैं। आपको बता दें ये हिस्सेदारी उन्होंने कोरोनाकाल के दौरान 2020 में बेची थी. रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) की 10% फीसदी फेसबुक (Facebook) को और 8% गूगल (Google) को बेची गई थी. इलके अलावा Intel Capital, Qualcomm Ventures और Silver Lake, Vista Equity Partners, General Atlantic और KKR जैसे टॉप इक्विटी फंड ने भी रिलांयस जियो में हिस्सेदारी खरीदी है.

कितना हो सकता है वैल्यूएशन

CLSA का अनुमान है कि रिलायंस जियो  (Reliance Jio) के मोबाइल बिजनेस की वैल्यूएशन 99 बिलियन डॉलर ( करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये) रहने का अनुमान है. जिसमें होम ब्रॉडबैंड जियोफाइबर कारोबार भी शामिल है जिसकी वैल्यूएशन 5 अरब डॉलर ( 37,500 करोड़ रुपये) आंकी गई है. CLSA के मुताबिक रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) का आईपीओ ( IPO) पूरे टेलिकॉम सेक्टर के वैल्यूएशन के लिहाज से एक बड़े उत्प्रेरक का काम करेगा.

रिलायंस का इतिहास 

आपको बता दें बीते कई वर्षों से रिलायंस जियो ( Reliance Jio) और रिलायंस रिटेल ( Reliance Retail) की स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग को लेकर सुगबुगहाट होती रही है. जब से रिलायंस समूह ( Reliance Group)  के कारोबार का मुकेश अंबानी  ( Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी ( Anil Ambani) के बीच बंटवारा हुआ है, अनिल अंबानी  ( Anil Ambani) की कंपनी रिलांयस पावर का आईपीओ तो बाजार में 2008 में आ चुका है, लेकिन मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली किसी कंपनी का पहली बार बाजार में आईपीओ आने की उम्मीद जगी है. आज से 44 साल पहले 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) का आईपीओ आया था और तब से इसने अपने निवेशकों को बेहताशा रिटर्न दिया है.

 

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