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राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक : 06-79 वर्ष की आयु के लोगों ने लिया हिस्सा

0 राज्य में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का सफल आयोजन

रायपुर। राजधानी रायपुर में तीन दिनों से चल रहे राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेलों का आज रंगा-रंग समापन बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में हुआ। रायपुर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के समापन समारोह में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हमारे ग्रामीण इलाकों में प्रचलित खेल जो लुप्त हो रहे थे, उनको प्र्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई है। राज्य के ग्रामीण अंचल से लेकर शहरों तक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में शामिल 14 पारंपरिक खेलों में बीते 6 अक्टूबर से लेकर आज तक विभिन्न चरणों में सभी आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए उन्होंने सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे राज्य में खेल के प्रति एक सकारात्मक वातावरण बना है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राज्य में छत्तीसगढ़िया संस्कृति को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया तीज-त्यौहारों में लोगों की भागीदारी और इसे उत्साहपूर्वक मनाने के लिए शासन द्वारा अवकाश भी घोषित किए गए हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया गया। समापन समारोह में नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र मुदलियार सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

ग्रामीण क्षेत्रों में 25 लाख और नगरों में 1.30 लाख लोगों की रही भागीदारी

खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले ने बताया कि राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में सभी जिलों के विजेताओं 1711 प्रतिभागी शामिल हुए। ये स्पर्धाएं 8 जनवरी से 10 जनवरी 2023 तक चली। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत 06 अक्टूबर को हुई थी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में राज्य स्तरीय स्पर्धा में सबसे छोटी 06 वर्ष की बालिका ने फुगड़ी में और 79 वर्षीय बुजुर्ग महिला सुकारो दाई ने गेंड़ी दौड़ में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही। उन्होंने बताया कि बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बाटी और कबड्डी, छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम में संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठुल, गेंडी दौड़, माधव राव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खो-खो और गिल्ली डंडा और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ खेलों की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई।

14 पारंपरिक खेल की हुई स्पर्धाएं

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया। घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया है। इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव  नीलम नामदेव एक्का, संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, नागरिक, वरिष्ठ अधिकारी और खिलाड़ी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

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