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विश्व में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा बने हिन्दी – प्रो. के.पी. यादव

विश्व हिन्दी दिवस पर मैट्स यूनिवर्सिटी और विश्व हिन्दी साहित्य संस्थानप्रयागराज द्वारा आयोजित वेबिनार सम्पन्न

रायपुर। वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में हिन्दी पूरे विश्व में प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। आज पूरी दुनिया में सौ से भी अधिक विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है जो गर्व का विषय है।  सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। हिन्दी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बने, यह हमारा लक्ष्य हो और हम इस दिशा में कार्य करें।

उपर्युक्त बातें विश्व हिन्दी  दिवस के अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर और विश्व हिन्दी  साहित्य संस्थान, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से वैश्विक स्तर पर हिन्दी विषय को लेकर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में अतिथियों एवं विद्वानों ने कहीं। मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर इस वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

आयोजन के मुख्य अतिथि मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने कहा कि यदि हम वैश्विक रूप से देखें तो संयुक्त राष्ट्र ने हिन्दी में वेबसाइट बनाई और हिन्दी में रेडियो प्रसारण की शुरुआत की। इसी तरह अमेरिका में 32 विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों  तथा ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाई जाती है। जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानों ने हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन को अपनाया है। कई संगठन हिंदी का प्रचार करते हैं। चीन में 1942 में हिंदी अध्ययन शुरू हुआ। 1957 में हिंदी रचनाओं का चीनी में अनुवाद कार्य आरंभ हुआ। हम सभी मिलकर यह प्रयास करें कि हिन्दी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में प्रथम स्थान पर रहे।

हम देश में राष्ट्रीय स्तर पर भी यह प्रयास करें कि हिन्दी को प्रोत्साहित करें। श्री यादव ने कहा कि अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के बढ़ते महत्व पर हम सभी को गर्व करना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्व हिन्दी  साहित्य संस्थान, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहममद शेख (पुणे, महाराष्ट्र) ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी उभर रही है। डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल के शोध के अनुसार वर्तमान में वैश्विक स्तर पर हिन्दी बोलने वालों की संख्या 1 हजार 450 मिलियन है जबकि मंदारिन (चीनी) बोलने वाली 1 हजार 120 तथा अंग्रेजी बोलने वाली 1 हजार 268 मिलियन है। हिन्दी आज प्रथम क्रमांक पर है। तीन करोड़ प्रवासी भारतीय विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में योगदान दे रहे हैं। विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ महिला साहित्यकार डॉ. सत्यभामा आड़िल ने कहा कि  किसी भी राष्ट्र की पहचान वहां की अधिकृत राष्ट्रभाषा होती है। हिन्दी ही हमारी राष्ट्र भाषा हो सकती है क्योंकि वह विश्वजनीन हो गई है और बहुत लोकप्रिय, सहज व सरल है। विश्वजनीन हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करना चाहिए।

शासकीय दूधाधारी बजरंग महाविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सविता मिश्रा ने कहा कि आज समय का भूमंडलीकरण हो गया है। बाजारीकरण के कारण हिंदी का प्रचार प्रसार हुआ है। विज्ञापन के दौर ने जन -जन को प्रोत्साहित किया है। खुशी की बात यह है कि, युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भाषा हमारी अस्मिता से जुड़ा हुआ है आज हिंदी विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर स्थापित हो गई है। वह दिन दूर नहीं जब हिंदी की ध्वजा विश्व पटल पर फहरायेगी ।

शास. महाविद्यालय महासमुंद की प्रभारी प्राचार्य डॉ. सरस्वती वर्मा ने प्रस्तावना प्रस्तुत कर वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा की दशा एवं दिशा पर अपने विचार रखे। वेबिनार में डॉ. हेमन्त पाल, डॉ. आरती बोरकर, अर्चना पांडे ने भी अपने विचार रखे। इसके पूर्व स्वागत भाषण में मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं  प्राध्यापक डॉ. रेशमा अंसारी ने हिन्दी को विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए मानक हिन्दी भाषा को व्यावहारिक रूप में लाने की गुहार लगाई। इस वेबिनार में देश के अनेक महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण ऑनलाइन उपस्थित थे। वेबिनार का संचालन विश्व हिन्दी साहित्य संस्थान की छत्तीसगढ़ इकाई की प्रभारी एवं हिन्दी सासंद डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक ने किया। मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव. उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड. कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने विश्व हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए इस वेबिनार को सराहनीय प्रयास बताया।

डॉ. रेशमा अंसारी
विभागाध्यक्ष, हिन्दी
मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर
मो.-9926348979

 

 

 

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