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रूरल मार्केट पर कब्जा जमाने के लिए कंज्यूमर कंपनियों ने कसी कमर, ब्रांडेड प्रोडक्ट बेचने पर होगा जोर

कोरोना संक्रमण के दौरान रूरल मार्केट में खपत बढ़ने से बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनियां काफी उत्साहित हैं. इन कंपनियों का कहना है कि रूरल मार्केट में बढ़ते खपत को देखते हुए रिटेलरों के लिए ज्यादा स्टॉक पर जोर दे रही हैं. साथ ही वे रिटेलरों को वॉल्यूम के आधार पर इन्सेंटिव भी देने की कोशिश करेंगी. वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में वे रूरल मार्केट में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने की रणनीति अपनाएंगीं.

दिसंबर तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों ने खाने-पीने की प्रमुख चीजों के ब्रांडेड उत्पाद की बिक्री में अच्छी बढ़त हासिल हुई है. कंपनियां अब इसका फायदा ग्रामीण मार्केट में लेना चाहती हैं. रूरल मार्केट में कंपनियां इस ग्रोथ को फोकस में रख कर काम करना चाहती हैं. कोविड संक्रमण के दौरान ग्रामीण मार्केट में मांग में अच्छी बढ़त दर्ज हुई थी. क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में लगभग 55 फीसदी ग्रामीण परिवारों की आय में 9 से 10 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है. जबकि 2019 में इसमें सिर्फ 2 से 3 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई थी.

बड़ी कंज्यूमर कंपनियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रूरल मार्केट में छोटे टिकट साइज के कंजम्पशन में तेज इजाफा हुआ है. फसलों की बिक्री पर मुनाफा बढ़ा है. साथ ही साग-सब्जियों की खेती से ग्रामीण परिवारों की आय में बढ़ोतरी हुई है. ये सारे हालात रूरल मार्केट में ग्रोथ की अच्छी संभावनाओं को दिखाते हैं. मार्केटिंग एक्सपर्ट्स का कहना है ग्रामीण मार्केट में खुले आटे, दाल, चावल की खपत के बजाय इनके ब्रांडेड प्रोडक्ट की लोकप्रियता बढ़ रही है. ये मजबूत रूरल मार्केट के संकेत हैं.

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