लाटरी लग सकती है गुहाराम अजगले की
चर्चा है कि 2023 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ से केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक और सांसद को जगह दी जा सकती है। अभी सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के कोटे से एक और राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। कहते हैं छत्तीसगढ़ कोटे से नए मंत्री के लिए गुहाराम अजगले का नाम सबसे टाप पर है। गुहाराम राज्य के एक मात्र अनुसूचित जाति वर्ग के लोकसभा सांसद हैं। वे दूसरी बार सांसद बने हैं। छत्तीसगढ़ में अजा वर्ग के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं, पर करीब 22 सीटों पर अजा वर्ग के वोटर निर्णायक स्थिति में माने जाते हैं। ऐसे में भाजपा अपने अजा वर्ग के सांसद को मंत्री बनाकर विधानसभा में फायदा लेने के मूड में है। ओबीसी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष हैं।
शैलेष पांडे और प्रकाश नायक के लिए खतरे की घंटी
बिलासपुर और रायगढ़ नगर निगम में एक-एक वार्ड के उपचुनाव में भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लोकल विधायकों के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। बिलासपुर से शैलेष पांडे और रायगढ़ से प्रकाश नायक विधायक हैं और दोनों ही कांग्रेस के हैं। कहते हैं शैलेष पांडे ने वार्ड के उपचुनाव में खूब मेहनत की थी, लेकिन कांग्रेस की उम्मीदवार को जिता नहीं सके। चर्चा है शिक्षा के क्षेत्र से कांग्रेस की राजनीति में आए शैलेष पांडे को बिलासपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का खेमा पसंद नहीं करता। इस हार से शैलेष पांडे के विरोधियों को एक और हथियार मिल गया। रायगढ़ में वार्ड उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से सीट छीनी है। इससे साफ़ है कि शहर में कांग्रेस की पकड़ ढ़ीली पड़ रही है। इसे प्रकाश नायक के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है।
कांग्रेस के दो दर्जन विधायकों पर टिकट का खतरा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों नान परफार्मेंस वाले विधायकों के टिकट कटने के संकेत दे दिए हैं। इसके बाद से कांग्रेस के अंदरखाने में नान परफार्मर विधायकों की चर्चा होने लगी है और 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति का आंकलन किया जाने लगा है। कहते हैं करीब 25 विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं है और उन्हें अगले चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर चर्चा होने लगी है। इनमें अधिकांश नए-नवेले विधायक हैं, जो 2018 में भाजपा विरोधी लहर में विधानसभा पहुँच गए। माना जा रहा है 2023 में भाजपा पुराने चेहरों को अलविदा कहकर नए लोगों पर दांव लगाएगी। इस कारण कांग्रेस भी नान परफार्मर विधायकों की जगह नए लोगों की तलाश में जुट गई है।
रायपुर स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष का मसला कोर्ट में
कहते हैं रायपुर के महापौर एजाज ढेबर रायपुर स्मार्ट सिटी का अध्यक्ष बनना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका के चलते हाईकोर्ट ने रायपुर स्मार्ट सिटी के नए कामों पर रोक लगा दी है , पुराने काम ही हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी भारत सरकार का प्रोजेक्ट है।बताते हैं इसके अध्यक्ष नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव होते हैं। कामों की स्वीकृति के लिए कई कई कमेटियां होती हैं। एक परामर्शदात्री समिति होती है, जिसके अध्यक्ष स्थानीय सांसद होते हैं। रायपुर स्मार्ट सिटी की गड़बड़ियों के बारे भाजपा नेताओं ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से शिकायत की है। भाजपा नेता कालेज परिसर में चौपाटी के विरोध में आंदोलन किया। आंदोलन से रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चर्चा में आ गया। कहते ने भाजपा नेताओं की शिकायत के बाद केंद्र ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कुछ पैसा रोक दिया है , पर देखना है कि राज्य सरकार चौपाटी बनाना जारी रखती है या रोक देती है।
संजय शुक्ला होंगे रेरा के अगले अध्यक्ष ?
माना जा रहा है कि रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा ) के अगले अध्यक्ष आईएफएस अधिकारी संजय शुक्ला होंगे। संजय शुक्ला अभी प्रधान मुख्य वन संरक्षक हैं और वे इस साल मई में रिटायर होंगे। कहा जा रहा है तब तक रेरा के अध्यक्ष का पद रिक्त रहेगा। रेरा के अध्यक्ष पद से विवेक ढांड 13 जनवरी को रिटायर हो गए। रेरा अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए न तो अभी तक कोई समिति बनाई गई है और न ही आवेदन बुलाए गए हैं। बताया जाता है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लग जाते हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मार्च में प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विवेक ढांड रेरा के प्रथम अध्यक्ष हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति के लिए कई महीने तक पद रिक्त रखा गया था, तब श्री ढांड प्रदेश के मुख्य सचिव थे। उन्होंने रिटायरमेंट के कुछ महीने पहले ही रेरा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। रेरा में दो सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित कर चयन समिति बनाए जाने की खबर है।
2007 बैच के आईएएस का प्रमोशन लटका
कहते हैं केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के पेंच के चलते राज्य में 2007 बैच के आईएएस अफसरों का प्रमोशन लटक गया है। 2007 बैच के अफसरों का प्रमोशन विशेष सचिव से सचिव के पद पर जनवरी के पहले हफ्ते में हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक डीपीसी की तारीख तय नहीं हुई है। राज्य में 2007 बैच के सात अफसर हैं। इस बैच के के. सी देवसेनापति प्रतिनियुक्ति पर हैं। और बसवराजू एस. भी प्रतिनियुक्ति पर थे,लेकिन प्रतिनियुक्ति अवधि न बढ़ने के कारण अब राज्य में लौट रहे हैं। वे संभवतः 16 जनवरी को ज्वाइनिंग देंगे।
अब वन मुखिया की दौड़ में सुधीर पहले नंबर पर
संजय शुक्ला के रिटायरमेंट के बाद वन विभाग के प्रमुख की दौड़ में 1988 बैच के आईएफएस सुधीर कुमार अग्रवाल पहले नंबर पर बताए जाते हैं। संजय शुक्ला से वरिष्ठता क्रम में ऊपर अतुल शुक्ला का नाम है , लेकिन वे इस साल अगस्त में रिटायर हो जाएंगे। इसके अलावा अतुल शुक्ला की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर संजय शुक्ला को वन विभाग का मुखिया बनाया गया है, ऐसे में कुछ महीने के लिए उन्हें जिम्मेदारी सौंपने की संभावना नहीं है। संजय शुक्ला के बाद सुधीर अग्रवाल वरिष्ठ हैं। 1988 बैच के आईएफएस सुधीर अग्रवाल अगस्त 2025 में रिटायर होंगे। सरकार ने सुधीर अग्रवाल को अभी पीसीसीएफ वन्य प्राणी का प्रभार सौंपा है। 1988 बैच के आईएफएस आशीष भट्ट इस साल जून में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद 1988 बैच के आईएफएस में सुधीर अग्रवाल ही कार्यरत रहेंगे।