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छत्तीसगढ़ में प्रयास आवासीय विद्यालय के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी मिसाल प्रस्तुत की: डॉ. प्रोफेसर किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी

० अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कल्याण हेतु संसदीय समिति के अध्ययन दल ने किया प्रयास विद्यालय का दौरा

० संसदीय समिति ने प्रयास के प्राचार्य और शिक्षकों का किया अभिनंदन

रायपुर। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए राज्य में किए गए कार्यों का अध्ययन करने के लिए आए संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में प्रयास आवासीय विद्यालय के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी मिसाल प्रस्तुत की है। छत्तीसगढ़ में संचालित प्रयास विद्यालयों के विद्यार्थियों का आत्मविश्वास देखते ही बनता है। डॉ. सोलंकी ने इस आशय की विचार आज यहां गुढ़ियारी स्थित प्रयास आवासीय कन्या विद्यालय में संसदीय दल के सदस्यों के साथ भ्रमण के दौरान आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।

संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. सोलंकी ने कहा कि किसी भी जाति और समाज का कल्याण शिक्षा से ही शुरू होता है। अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों में भी पूरी क्षमता होती है, जरूरत होती है उन्हें अवसर प्रदान करने की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के शिक्षकों और प्राचार्य ने यहां पढ़ने वाले बच्चों को अपने सपनों को पूरा करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का स्मरण करते हुए कहा कि वे कहा करते थे कि शिक्षा वह दूध है, जिसे पीकर व्यक्ति आत्मविश्वास से दाहड़ता है। प्रयास विद्यालय के बच्चों ने भी उनके कथन को सत्य साबित किया है। उन्होंने विद्या के यज्ञ में आहूति देने के लिए संसदीय समिति के सदस्यों को अवसर प्रदान करने के लिए और जिन विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में अपनी सफलता की कहानी साझा की उन्हें समिति की ओर से बधाई और धन्यवाद दिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकों को मंच पर बुलाकर समिति के सदस्यों ने उनका अभिनंदन भी किया।

आयुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रीमती शम्मी आबिदी ने बताया कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप राज्य में शीघ्र ही अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पृथक प्रयास आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। प्रयास विद्यालयों से अब तक आई.आई.टी. में 107, एन.आई.टी. और ट्रिपल आई.टी. में 305, सीए और सीएस में 29, एमबीबीएस में 47 और इंजीनियरिंग में 916 बच्चे चयनित होकर पढ़ाई कर रहे हैं। प्रयास आवसीय विद्यालय में आई.आई.टी में प्रवेशित प्रत्येक विद्यार्थी को 40 हजार रूपए प्रतिवर्ष प्रोत्साहन स्वरूप आगामी शिक्षा के लिए दी जाती है। इसी प्रकार आई.आई.टी. एवं एन.आई.टी. में प्रवेशित छात्र-छात्राओं को लैपटॉप या लैपटॉप हेतु राशि प्रदान की जाती है, ताकि वे आगे की पढ़ाई आसानी से कर सकें। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मंजूला तिवारी ने प्रयास आवासीय विद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस विद्यालय के विद्यार्थी एन.आई.टी. रायपुर में अध्ययनरत सुरेन्द्र कुमार ध्रुव हेमंत कुमार मौर्य, मेडिकल कॉलेज कांकेर में अध्ययनरत कुमारी पायल बंजोर, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग में अध्ययनरत देवयानी नेताम, कुमारी अंजली सुधाकर और प्रयास रायपुर की छात्रा रही डॉ. तनुजा नेताम (एमबीबीएस) ने अपनी सफलता का श्रेय प्रयास आवासीय विद्यालय की अच्छी शिक्षा और शिक्षकों की योगदान को दिया।

इस अवसर पर संसदीय दल के सदस्यों ने डॉ. नीरज डांगी,  अबिर रंजन विश्वास, जगन्नाथ सरकार, वी. शिवादासन,  कामाख्या प्रसाद तासा सहित संसदीय दल के साथ आए अधिकारी, सचिव अनुसूचित जाति और जनजाति  डी.डी. सिंह भी उपस्थित थे।

संसदीय समिति ने जंगल सफारी का भ्रमण किया

अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति मामलों की संसदीय समिति ने आज रायपुर पहुंचकर जंगल सफारी का भ्रमण किया। जंगल सफारी की डायरेक्टर श्री मर्सी बेल्ला ने संसदीय दल को बताया कि पर्यटकों में वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूकता, पर्यटको को नैसर्गिक मनमोहक एवं स्वच्छ वातावरण का आनंद उपलब्ध कराने तथा वन्यजीवों के संरक्षण संवर्धन एवं प्रजनन से संबंधित अनुसंधान के महत्वपूर्ण कार्य जंगल सफारी में किए जा रहे हैं। सांसदों की टीम ने वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य को उल्लेखनीय बताया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  सुधीर कुमार अग्रवाल, सीसीएफ इको टूरिज्म  राजेश पांडे, विभागीय अधिकारी एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

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