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घर से दफ्तर का काम करने वाले वेतनभोगियों के लिए बजट में टैक्स छूट का ऐलान संभव

कोरोना महामारी ( Covid 19 Pandemic) की सबसे बड़ी मार वेतनभोगियों पर पड़ा है. मार्च 2020 से ही वेतनभोगियों को घर से दफ्तर का करना पड़ रहा है. घर से दफ्तर का काम करने के चलते वेतनभोगियों  ( Salaried Clas) का खर्च बढ़ गया है.

वेतनभोगियों  ( Salaried Clas) को वर्क फ्रॉम होम ( Work From Home) के तहत घर से दफ्तर का काम करना पड़ रहा है. इसके चलते वेतन भोगियों का बिजली का खर्च ( Electricity Bill), इंटरनेट का खर्च ( Internet Expenses) फर्नीचर पर खर्च बढ़ गया है. पहले दफ्तर में काम करने के चलते इसका भार कंपनियों पर था. लेकिन कर्मचारियों को खुद इसका खर्च उठाना पड़ रहा है. बच्चों के घर से ऑनलाइन पढ़ाई ( Online Classes) के चलते भी टैक्सपेयर्स  ( Taxpayers) के खर्च में बढ़ोतरी आई है. कम्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट पर खर्च बढ़ा है.

वर्क फ्रॉम होम पर टैक्स डिडक्शन का ऐलान संभव

कोरोना महामारी एक फरवरी 2022 को पेश होने वाले आम बजट में मोदी सरकार वर्क फ्रॉम होम के मद्देनजर वेतनभोगियों ( Salaried Clas) को टैक्स छूट का सौगात देने का ऐलान कर सकती है.  घर से दफ्तर का काम करने के चलते वेतनभोगियों  ( Salaried Clas) को सरकार अलग से टैक्स डिडक्शन का सौगात दे सकती है. वर्क फ्रॉम होम अलाउंस ( Work From Home Allowance) का बजट में सरकार ऐलान कर सकती है जिससे टैक्यपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम किया जा सके.

यूके सरकार देती है टैक्स में छूट

ब्रिटेन में वहां की सरकार वर्क फ्रॉम होम  ( Work From Home) के तहत घर से काम करने वालों को हर हफ्ते 6 पाउंड टैक्स छूट देती है. जिससे एडिशनल खर्च के बोझ से वहां के लोगों को राहत दी जा सके.  माना जा रहा है कि भारत सरकार ब्रिटेन से सबक लेते हुए वर्क फ्रॉम होम अलाउंस ( Work From Home Allowance) का ऐलान बजट में कर सकती है.

वर्क फ्रॉम होम अलाउंस टैक्स छूट

Deloitte ने भी अपने प्री-बजट नोट में बजट में एस ऐलान की उम्मीद जताई है. Deloitte ने  वर्क फ्रॉम होम अलाउंस ( Work From Home Allowance) के तौर पर 50,000 रुपये के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन ( Tax Deduction) टैक्सपेयर्स को देने का सुझाव दिया है. आईसीएआई( Institute Of Chartered Accoutants of India) ने भी वर्क प्रॉम होम के तहत घर से काम करने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट देने का सुझाव दिया है. ICAI ने इसके तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का सुझाव दिया है.

 

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