एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन से अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीद बढ़ी है. लेकिन कुछ देशों में लॉकडाउन भी है. वैक्सीन भी लग रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे संक्रमण खत्म हो जाएगा. हालांकि यह भी सच है कि आर्थिक रिकवरी को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है.ऐसे में गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी और गोल्ड फंड का रिटर्न अच्छा होने की उम्मीद लगाई जा रही है. लेकिन हो रहा है उल्टा. गोल्ड फंड में रिटर्न का निवेश लगातार घटता जा रहा है. पिछले तीन महीनों में गोल्ड फंड और गोल्ड ईटीएफ का रिटर्न घटा है.
गोल्ड फंडों का रिटर्न पिछले कुछ महीनों के दौरान रिटर्न निगेटिव जोन में पहुंच गया है. पिछले तीन महीनों में गोल्ड फंड ने -2.52 फीसदी रिटर्न दिया है. एक महीने में यह 0.10 फीसदी और एक हफ्ते में -2.15 फीसदी रहा है. इस साल अब तक इस कैटेगरी का रिटर्न निगेटिव ही रहा है. अगस्त 2020 में गोल्ड ईटीएफ में 907.85 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. जबकि, दिसंबर 2020 में यह घट कर 430.65 करोड़ रुपये रह गया था.
विश्लेषकों ने कहना है कि इस साल गोल्ड ने रिकार्ड ऊंचाई देखी. अगस्त 2020 में यह 56 हजार प्रति दस ग्राम के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि वह इस ऊंचाई को बरकरार नहीं रख पाया है. अब गोल्ड गिरा है. दरअसल इकनॉमी में रिकवरी की उम्मीद से निवेशक ज्यादा जोखिमवाले निवेश इंस्ट्रमेंट्स जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड की ओर बढ़ी है और गोल्ड में निवेश घटा है. यही वजह है कि गोल्ड ईटीएफ फंड्स अब निगेटिव रिटर्न देने लगे हैं. हालांकि कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह मानना गलत होगा कि गोल्ड की रैली खत्म हो चुकी है. अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में राहत पैकेज को मंजूरी मिलती है तो महंगाई बढ़ेगी और निवेशक इसकी हेजिंग के लिए गोल्ड में निवेश करेंगे. ऐसे में गोल्ड की कीमतें और बढ़ सकती हैं गोल्ड फंड और ईटीएफ का रिटर्न भी.