Close

बेरोजगारी भत्ते पर सियासी रंग: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं को साधने के लिए चला दांव

अरुंधति भोई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर बेरोजगारी भत्ता का ऐलान कर युवाओं को साधने का नया दांव चला है। चुनावी साल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा से राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा को जोर का झटका लगा है। भाजपा के हाथ से एक मुद्दा चला गया। भाजपा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा तो कांग्रेस भी हमलावर हो गई। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलने से पहले ही राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है।

वैसे तो 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा किया था। अब इस वादे को सरकार आखिरी साल में पूरा करने का ऐलान किया है। यह भत्ता युवाओं को अप्रैल 2023 से मिलने लगेगा। 10 वीं से 12 वीं पास तक के युवाओं को सरकार भत्ता देने की तैयारी कर रही है। आने वाले बजट सत्र में बेरोजगारी भत्ता को लेकर प्रावधान किया जाएगा, हालांकि ये अब तक तय नहीं हुआ है कि किस आधार पर और कितने शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जाएगा। अनुमान है कि राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 19 लाख है। मध्यप्रदेश के जमाने में 1996 में 200-300 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाता रहा है। अभी मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा है।

बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की घोषणा के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई। बेरोजगारी भत्ते पर पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने ट्वीट किया – चुनाव देखकर दाऊ को घोषणा पत्र याद आ गया। इस ट्वीट के जवाब में कांग्रेस ने ‘पनामा का सांड” कहकर जवाब दिया । डॉ. रमन सिंह ने सवाल उठाया है कि मां बम्लेश्वरी की धरती पर राहुल गांधी ने 2018 के घोषणापत्र में पहले ही बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर दी थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनावी साल में दोबारा यह घोषणा करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं? 4 सालों में जिस कांग्रेस ने सिर्फ घोषणा की, उनसे क्रियान्वयन की कोई उम्मीद नहीं है।

मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है – पिछले चार साल का बेरोजगारी भत्ता 15 हजार करोड़ रुपए है। कांग्रेस सरकार ने 10 लाख से ज्यादा युवा को बेरोजगारी भत्ते के रूप में हर महीने 2500 रुपये देने की घोषणा की थी। 10 लाख युवाओं का हर महीने के 2500 रुपये के बेरोजगारी भत्ते के अनुसार 15 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास लंबित है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है – कांग्रेस पार्टी का युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता है, जिस प्रदेश में मात्र आधा फीसदी ही बेरोजगारी दर है। आधा फीसदी युवाओं के लिए सोचना भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता है। 2003 में भाजपा ने भी 500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन कभी नहीं दिया। बेरोजगारी भत्ते पर कांग्रेस-भाजपा की बयानबाजी से तो लगता है आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाएगा और राजनीतिक रंग भी खूब चढ़ेगा।

scroll to top