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सरकार का रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, जानें 40 हजार करोड़ से गांवों में क्या-क्या बनेगा

सरकार ने इस बार के बजट में रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर आवंटन 34 फीसदी बढ़ा कर 40 हजार करोड़ रुपये कर दिया है. इसके अलावा छोटी सिंचाई परियोजनाओं में आवंटन बढ़ा कर दोगुना यानी दस हजार करोड़ रुपये कर दिया है. इन्फ्रास्ट्रक्चर मद में आवंटन बढ़ाने से शहरी बाजारों को भी फायदा होगा और रोजगार बढ़ेगा.

सरकार ने सड़क परियोजनाओं पर कॉरिडोर पर जोर दिया है. इसके तहत तमिलनाडु में 3500 किलोमीटर कॉरिडोर बनेगा. केरल में 65000 करोड़ रुपये की लागत 1100 किलोमीटर हाइवे और पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ की लागत से 675 किलोमीटर हाइवे बनेगा. इसके साथ ही असम में अगले तीन साल में 1300 किलोमीटर हाइवे बनेगा.

पीएलआई के अलावा मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क स्कीम आएगी. टेक्सटाइल पार्क से बड़ा निवेश आएगा. इससे रोजगार में इजाफा होगा. अगले तीन साल में देश में सात टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे. 2019 में लॉन्च नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन का विस्तार अब 7,400 प्रोजेक्ट्स तक किया गया है. इसके तहत 1.10 लाख करोड़ के 217 प्रोजेक्ट को पूरा भी कर लिया गया है.

वित्त मंत्री ने डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. डीएफआई के गठन के लिए संसद में एक बिल लाया जाएगा. इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग एक बड़ी समस्या रही है. उम्मीद है इससे इसकी मुश्किल कम होगी. पिछले साल के बजट में  रेलवे और राजमार्ग पर जोर था.

सरकार ने उसमें  इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में 1.7 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया था, जिसमें हाईवे के निर्माण में तेजी लाने का ऐलान किया गया था. इस साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी आवंटन को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ कर दिया गया है.  जो वित्त वर्ष 2021 में 30 हजार करोड़ था.

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