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मिडिल क्लास को बजट में राहत नहीं मिलने के सवाल पर वित्त मंत्री बोलीं – हमने टैक्स नहीं बढ़ाया

केंद्र सरकार (Central Government) ने आज देश का बजट पेश किया है, जिसमें इनकम टैक्स में किसी भी तरह के कोई बदलाव नहीं किए हैं. आम जनता को टैक्स में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया. बजट के बाद वित्तमंत्री ने संवाददाता सम्मेल में भाग लिया.

कर में नहीं किया इजाफा

इस सम्मेलन में वित्तमंत्री से किसी ने सवाल पूछा कि बजट में मध्यम वर्ग को आयकर बोझ से राहत नहीं मिली है तो उन्होंने उत्तर में कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने बड़े स्तर पर खर्च को पूरा करने के लिये अतिरिक्त कोष एकत्रित करने को कोई कर नहीं बढ़ाया है.

टैक्स स्लैब में नहीं हुआ कोई बदलाव

सीतारमण ने अपने चौथे बजट में न तो कर स्लैब में कोई बदलाव किया और न ही मानक कटौती की सीमा बढ़ायी. मुद्रास्फीति में तेजी और महामारी के मध्यम वर्ग पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि वित्त मंत्री कर के मोर्चे पर कुछ राहत देंगी. बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘अगर कर बढ़ाने को लेकर कोई आशंका थी, हमने वह नहीं किया.’’

महामारी के दौरान न पड़े जनता पर बोझ

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह (आयकर दर बढ़ाना) पिछले साल भी नहीं किया….मैंने कर बोझ के जरिये एक रुपया भी अतिरिक्त नहीं लिया.’’ सीतारमण ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया था कि कोविड-19 के दौरान राजकोषीय घाटा चिंता का विषय नहीं होना चाहिए और महामारी के दौरान अतिरिक्त कर बोझ नहीं होना चाहिए.

कंपनी कर में भी नहीं हुआ बदलाव

मंगलवार को पेश बजट में व्यक्तिगत आय पर मानक कटौती 50,000 को रुपये पर बरकरार रखा गया है. साथ ही कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कंपनी कर की दर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिये रियायती 15 फीसदी कर दर की अवधि बढ़ायी गयी है.

मध्यम वर्ग को होगा लाभ

सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), सस्ते मकान, पासपोर्ट को सुगम बनान के उपायों की घोषणा आदि से आखिरकार मध्यम वर्ग को ही लाभ होगा.

 

 

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