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बजट के बाद से PSU बैंक शेयर होल्डर्स की हुई चांदी, एसबीआई जैसे बड़े हाथी ने लगाई अब तक की लंबी छलांग

SBI

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है. शेयर बाजार में हर दिन एक नया रिकॉर्ड देखा जा रहा है. सेंसेक्स जहां 51 हजार का स्तर छू चुका है तो वहीं निफ्टी भी 15 हजार का स्तर छू चुकी है. बजट के बाद से पीएसयू बैंकों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. वहीं एसबीआई जैसे बड़े पीएसयू स्टॉक ने भी लंबी छलांग लगाई है और इस इंडेक्स में काफी आगे है.

पीएसयू बैंक इंडेक्स की बात की जाए तो सोमवार एक फरवरी को आम बजट के दिन से इस इंडेक्स में बंपर तेजी देखने को मिल रही है. बजट के दिन पीएसयू इंडेक्स ने 1850 से 1950 के स्तर से ऊपर का सफर तय किया था. इसके बाद आज शुक्रवार 5 फरवरी तक पीएसयू इंडेक्स 2390 तक का हाई बना चुका है. वहीं आगे भी पीएसयू बैंक इंडेक्स में तेजी की उम्मीद की जा रही है.

वहीं पीएसयू बैंक इंडेक्स में सबसे बजिंग स्टॉक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) है. एसबीआई का शेयर लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. बजट के दिन एसबीआई ने 290 से 310 रुपये तक का सफर तय किया और सिर्फ पांच दिनों के भीतर ही एसबीआई का शेयर 408.35 रुपये तक पहुंच चुका है. इसके साथ ही एसबीआई नया 52 वीक हाई भी बना चुका है. वहीं 408.35 रुपये एसबीआई का ऑल टाइम हाई प्राइज भी बन चुका है.

पीएसयू बैंकों में एसबीआई के अलावा इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, पीएनबी और जेके बैंक में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इंडियन बैंक पांच दिनों में ही 90 रुपये से 136 रुपये तक दौड़ चुका है. कैनरा बैंक 132 रुपये से 171 रुपये तक का उछाल सिर्फ पांच दिन में दिखा चुका है. वहीं पीएनबी भी 33 रुपये से 42 रुपये तक का जंप लगा चुका है. इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर पांच दिन के भीतर ही 68 रुपये से 88 रुपये तक का हाई लगा चुका है.

पीएसयू बैंक इंडेक्स को लेकर आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के अध्यक्ष इक्विटीज पारस बोथरा ने  को बताया कि पीएसयू बैंक पहले से ही काफी कम वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहे थे लेकिन पीएसयू बैंक को लेकर बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से किए गए ऐलान के बाद से इनमें तेजी बनी हुई है. इसके पीछे वजह है कि निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि बैड एसेट को ट्रांसफर किया जाएगा और बैंकों में पूंजी डाली जाएगी. यह पीएसयू बैंकों के लिए एक ट्रिगर के समान था. जिसके बाद से इनमें तेजी देखने को मिल रही है.

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