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बढ़ने लगी है डिजिटल धोखाधड़ी, नजर रखने के लिए सरकार बनाएगी इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट

डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफे के दौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी भी काफी बढ़ गई है. बड़ी तादाद में धोखाधड़ी का शिकार होने की वजह से लोगों को भारी आर्थिक घाटा झेलना पड़ रहा है. लिहाजा अब सरकार डिजिटल धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट बनाने जा रही है.

सरकार ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है जो लगातार ग्राहकों को भ्रामक मैसेज भेजते हैं. इस संबंध में नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के कनेक्शन काटे जा सकते हैं. टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी के जरिये लोगों की गाढ़ी कमाई उनके बैंक खाते से निकाली जा रही है. इसे किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए. इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना के निर्देश दिए हैं.

यह यूनिट तय समय में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को निपटाने का काम करेगी. डीआईयू के माध्यम से टेलीकॉम कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं के साथ समन्वय रखना भी आसान होगा. टेलीकॉम ग्राहकों के अधिकारों के हित की रक्षा के लिए ऐप बनाने की भी तैयारी है. मंत्रालय की तरफ से विकसित होने वाले इस ऐप पर ग्राहक अपनी समस्याओं की जानकारी दे सकेंगे.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में लोगों के विश्वास को मजबूत करेगी और मुख्य रूप से मोबाइल के माध्यम से वित्तीय डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगी, जिसके परिणामस्वरूप डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. प्रसाद ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ बैठक करें और उनसे इस मुद्दे की गंभीरता के बारे में बताएं और इस संबंध में निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का अनुपालन सुनिश्चित करें.

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