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चुस्त बिजली व्यवस्था से जगमग राजिम मेला

राजिम / गरियाबंद  से राजेंद्र ठाकुर की रिपोर्ट छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध त्रिवेणी संगम  में आयोजित राजिम मेला में चुस्त-दुरुस्त बिजली व्यवस्था के कारण उसकी भव्यता पर चार चाँद लग गया है। रंग-बिरंगी रोशनी से मेला स्थल का नजारा लोगों को लुभा रहा। रात में लोग दिन के उजाले जैसा आनंद लेते  माघ पुन्नी मेला का रस ले रहे हैं। राजिम पुल से लेकर बेलाही घाट पुल एवं चैबे बांधा पुल तक लाइटिंग के कारण यह इलाका दूधिया ऱोशनी से नहाता नजर आ रहा है। मेले में बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए राजिम में तैनात बिजली बोर्ड के कार्यपालन यंत्री  एलके साहू के नेतृत्व में पूरी टीम दिन-रात जुटी है। इस टीम में सहायक यंत्री शिवेंद्र साहू, एनके शुक्ला, पीवी राजेश श्री चंद्रवंशी और अन्य अधिकारी शामिल हैं।

मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने इलाके में व्यवस्थित तरीके से लाइट लगवा दिया है। नदी के भीतर करीब पांच किलोमीटर के दायरे में अस्थायी शहर बसा हुआ है। वहीँ प्रयाग नगरी के प्रथम दर्शन मामा-भांजा मंदिर से लेकर कुलेश्वर महादेव मंदिर एवं लोमष ऋषि आश्रम के पिछले हिस्से से होते हुए नेहरू घाट नवापारा से अटल घाट राजिम तक अस्थाई रेत की सड़कें बनाई गईं हैं। इस पर पत्थर बिछाकर वाहनों के आवागमन को व्यवस्थित किया गया है। इस बार सड़कों की चौड़ाई 12 की जगह 15 फीट कर दी गई है। चौड़ी सड़कों से श्रद्धालुओं को घूमने में आसानी हो रही है। इस बार के चाकचौबंद व्यवस्था को देखकर राज्य सरकार की स्पष्ट सोच और स्थानीय अफसरों की मेहनत साफ़ दिखाई दे रही है।

गौरतलब है कि इस बार माघ पुन्नी मेला का आयोजन नवीन मेला मैदान  में करने की बात चल रही थी। मौसम के लगातार बदलते मिजाज के कारण आयोजन की तैयारियों में दिक्कत आ गई। इस वजह से पुरानी जगह पर ही मेले का आयोजन करना पड़ा। मेले में शरीक होने के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु आ रहे हैं।  मेले के शुभारंभ अवसर पर लक्ष्मण झूला में राजिम के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करता हुआ आकर्षक लेजर शो प्रस्तुत किया गया। लेजर शो के माध्यम से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित किया गया।  मेले में लेजर शो आकर्षण का केंद्र रहा।

 

 

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