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स्फूर्ति योजना के तहत परंपरागत उद्योगों और दस्तकारों का होगा उत्थान, 5 हजार स्लस्टर होंगे शुरू

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्फूर्ति योजना के तहत मंजूरी प्रक्रियाओं में तेजी लाकर और लाल फीताशाही को समाप्त कर दस्तकारों के लिए 5,000 संकुल (क्लस्टर) शुरू किए जा सकते हैं.

मंत्रालय ने परंपरागत उद्योगों के विकास और दस्तकारों की सहायता के मकसद से स्फूर्ति (स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज) योजना शुरू की है. इसके तहत परंपरागत उद्योगों और दस्तकारों को संकुलों के जरिए संगठित किया जाएगा, ताकि उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और उनकी आय बढ़ाई जा सके.

योजना के तहत, साझा सुविधा केंद्रों के जरिए ढांचागत सुविधाएं तैयार करना, नई मशीनरी की खरीद, कच्चे माल के लिए बैंक और पैकेजिंग में सुधार के लिए समर्थन दिया जाता है. मंत्री ने कहा कि ऐसे संकुल बनाने के लिए कदम उठाने में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘घोषित 371 संकुलों में से केवल 82 ही वास्तव में काम कर रहे हैं और अगर लाल फीताशाही को समाप्त कर दिया जाए, तो 5000 संकुल गठित करने का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है.’

गडकरी ने मंत्रालय के अधिकारियों से इससे जुड़े मसलों को देखने और समस्याओं के समाधान करने को कहा ताकि वे संकुल परिचालन में आ सके जो अभी काम नहीं कर रहे. मंत्री ने 18 राज्यों में फैले दस्तकार आधारित 50 स्फूर्ति संकुलों के उद्घाटन के बाद यह बात कही. मंत्रालय ने इन 50 संकुलों के विकास के लिए 85 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं.

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