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सोशल प्लेटफॉर्म की मनमानी पर सरकार का शिकंजा, 24 घंटे में हटानी होगी आपत्तिजनक पोस्ट, पढ़ें बड़ी बातें

ओटीटी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दुरुपयोग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इस पर नई गाइडलाइंस जारी की है. केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए जो कानून बना है उसे तीन महीने में लागू कर दिया जाएगा और तीन स्तरों पर इसकी निगरानी की जाएगी.

हिंसा के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है. हिंसा के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है. सोशल मीडिया पर आपत्तिनक पोस्ट मंजूर नहीं

हमारी मीडिया ने व्यापक मशविरा किया है. शिकायतकर्ता ऑफिसर को रखना होगा और 15 दिन में उसका निपटारा होना चाहिए.

अगर कोई आपत्तिनजक कंटेंट पोस्ट किया गया है तो उसे 24 घंटे के भीतर हटाना होगा.

कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी

नियम के पालन पर हर महीने रिपोर्ट देनी होगी

जिसने सबसे पहले आपत्तिनजक पोस्ट डाली, उसकी पहचान बतानी होगी. यानी, जहां से गलत पोस्ट हुआ उसके बारे बताना होगा.

सोशल मीडिया के लिए जो कानून बना है उसे तीन महीने में लागू किया जाएगा

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा:

ओटीटी को नियमों का पालन करना होगा. सभी मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक नियम

ओटीटी, डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था होगी

ओटीटी और वेबसाइट पर डिसक्लेमर देना होगा लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं

ओटीटी सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या होईकोर्ट के के विशिष्ट व्यक्ति की अध्यक्षता में बॉडी बने ताकि वहां पर सुनवाई हो पाए.

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया को माफी करनी होगी प्रसारित

सेंसर बोर्ड का एथिक्स कोड कॉमन रहेगा, मीडिया को जवाबदेही होना चाहिए, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है.

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