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अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 13.7 फीसदी किया

पिछले साल कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी. लेकिन अब धीरे धीरे इकोनॉमी पटरी पर लौटने लगी और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत भी मिलने लगे हैं. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान संशोधित किया है जिसके मुताबिक अर्थवयवस्था में सुधार बताया जा रहा है. बता दें कि मूडीज ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 10.8 फीसदी से बढ़ाकर 13.7 फीसदी कर दिया है.

मूडीज ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि 2021-22 में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 10.8 फीसदी रह सकती है. लेकिन अब बाजार में बढ़ी चहल पहल और कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो जाने के बाद मूडीज को अपना ये अनुमान भी संशोधित करना पड़ा है.

बता दें कि चालू वित्त वर्ष के लिए भी मूडीज ने अपने अनुमान में संशोधन किया है. दरअसल मूडीज ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था 10.6 फीसदी की दर से सिकुड़ सकती है. लेकिन अब इसी ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज को अपने इस अनुमान में भी संशोधन करना पड़ा है जिसके मुताबिक इंडियन इकोनॉमी में 7 फीसदी की दर से सिकुड़न रह सकती है.

गौरतलब है कि इस संबंध में मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस एसोशिएट मैनेजिंग डायरेक्टर जीन फैंग ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां नॉर्मल हो चुकी है और इस बेस इफेक्ट्स की वजह से मूडीज को अपने अनुमान में संशोधन करना पड़ा है. बता दें कि जीन फैंग ने इंडेपेंडेंट क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा इंडिया क्रेडिट आउटलुक 2021 पर आयोजित किए गए वर्चुअल समारोह में ये कहा है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हो जाने क वजह से बाजार में बढ़ते भरोसे के कारण ही आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटी हैं.

इस बीच, इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 0.3% की वृद्धि का अनुमान लगाया है. उन्होंने चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी में 7% संकुचन का अनुमान लगाया. हालांकि, वास्तविक विकास अगले वित्त वर्ष में 10.5% तक पहुंच जाएगा.

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