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कृषि विश्वविद्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

मानव कल्याण में विज्ञान सर्वाेपरि: डॉ. चंदेल

दिनांक 28 फरवरी, 2022। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया जिसमें ‘‘टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एकीकृत प्रणाली’’ (प्दजमहतंजमक ।चचतवंबी पद ैबपमदबम ंदक ज्मबीदवसवहल वित ैनेजंपदंइसम थ्नजनतम) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदल ने कहा कि मानव कल्याण के लिए विज्ञान का योगदान रहा है। विज्ञान प्रौद्योगिकी पर आधारित है जिसका समस्या और नवाचार से उद्भव होता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी का मूलभूत सिद्धान्त समस्यामूलक तकनीकी का विकास और उपयोग करना है। उन्होंने आगे कहा कि भूख का सूचकांक (भ्नदहमत प्दकमग) जलवायु से प्रभावित होता है जैसे फरवरी माह में तापक्रम में अचानक वृद्धि तथा उसका फसल पर प्रभाव होना। कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. एम.पी. ठाकुर ने नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. रमन के रमन प्रभाव (1930) की चर्चा की। इस अवसर पर संचालक अनुसंधान डॉ. पी.के. चन्द्राकर, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. आर.के. बाजपेयी, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ. जी.के. (मेजर) श्रीवास्तव, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी द्वय डॉ. विनय पाण्डेय एवं डॉ. एम.पी. त्रिपाठी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान छह तकनीकी विषयों पर चर्चा की गई जिसमें – अधिष्ठाता डॉ. एम.पी. ठाकुर ने फसल और पशुपालन, पादप स्वास्थ्य और कटाई उपरान्त प्रबंधन विषय पर चर्चा की। किसानों के कल्याण में कृषि अभियांत्रिकी विषय पर अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय ने जानकारी दी। कृषि और कृषि उद्यमिता मंे अनावश्यक नवाचार पर डॉ. हुलास पाठक ने कहा कि उद्यमिता में नवाचार महत्वपूर्ण घटक है। कृषि में ड्रोन के उपयोग पर डॉ. श्रीविशाल त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि में रिमोट सेंसिंग और जी.आई.एस. का उपयोग जरूरी है। कृषि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग और उनकी सार्थकता पर डॉ. अनुराग सिंह ने जानकारी दी। अंत में कृषि और चिकित्सा विज्ञान में अर्न्तसंबंध विषय पर डॉ. पी.के. पात्रा ने व्याख्यान दिया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यशाला के दौरान पोस्टर, चित्रकला और जैविक मॉडल प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन सह-आयोजन सचिव डॉ. वी.बी. कुरूवंशी ने आभार प्रदर्शन किया।

 

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