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एनएसएस से होता है नेतृत्व क्षमता का विकास: सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से मंगलवार को  राजभवन में गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए और राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्राप्त एनएसएस के स्वयं सेवकों ने सौजन्य मुलाकात की है।  एनएसएस का राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से छत्तीसगढ़ के दो स्वयं सेवकों को मिला  है ।  राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त छात्र  राकेश कुमार और  सत्येन्द्र साहू को राज्यपाल सुश्री उइके ने भी सम्मानित किया है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले स्वयं सेवकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना सौभाग्य की बात है और आप लोगों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है। सुश्री उइके ने कहा कि मैं स्वयं भी पहले एनएसएस से जुड़ी हुई थी। एनएसएस से राष्ट्रीयता की भावना जागृत होती है और एनएसएस के शिविरों में भाग लेने से कोई भी छोटा काम करने से भी हीन भावना नहीं आती है तथा समाजहित में समर्पित होकर लोगों की सेवा करने की भी भावना भी पैदा होती है। एनएसएस से नेतृत्व क्षमता का विकास होता है और कॉन्फिडेंस जागृत होने से व्यक्ति असफल नहीं होता है।

राज्यपाल ने कोरोना काल के दौरान एनएसएस के स्वयं सेवकों द्वारा चलाया गया जागरूकता अभियान और कोविड-19 से बचाव के लिए किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अपने प्रदेश एवं देश के प्रति अपनेपन की भावना से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महापुरूषों की जीवनी पढ़ने से बहुत कुछ सीखने को मिलती है और काम करने के तरीके से व्यक्ति की पहचान बनती है। राज्यपाल ने कहा कि लोगों से मिलने के दौरान वे जहां आम जनता की समस्याएं सुनती है, वहीं उन्हें राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। इस अवसर पर एनएसएस के राज्य समन्वयक डॉ. समरेन्द्र सिंह, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर की कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीता बाजपेयी, डीपी विप्र महाविद्यालय बिलासपुर की कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रीना ताम्रकार और छात्रा  भावना जायसवाल, ज्योति, . यशोदा राजवाड़े, छात्र  जितेश कुमार देवांगन,  विशाल कुमार देवांगन,  लकेश कुमार सिदार,  सत्येन्द्र साहू एवं  राकेश कुमार उपस्थित थे।

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