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महंगे हो सकते हैं टीवी, एक अप्रैल से 3000 रुपये तक बढ़ सकते हैं दाम, ये है वजह

नई दिल्ली: अगले वित्त वर्ष से टीवी के दामों में इजाफा देखने को मिल सकता है. अब कहा जा रहा है कि 1 अप्रैल 2021 से टीवी के दामों में 3000 रुपये तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. ऐसे में अगर आप भी सस्ते दामों में टीवी खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अब सिर्फ मार्च का महीना ही बचा है.

वहीं पिछले आठ महीनों में टीवी की कीमतें 300% तक बढ़ गई हैं, जिससे प्रति यूनिट लगभग 3000-4000 की शुद्ध वृद्धि हुई है. वहीं वैश्विक विक्रेताओं की ओर से सप्लाई में कमी के साथ ही अन्य कारणों की वजह से TV पैनल (ओपन सेल) के दाम लगातार बढ़े हैं और इनकी कीमत दोगुने से ज्यादा पहुंच गई हैं. इसके अलावा कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी, तांबा-एल्यूमीनियम-स्टील जैसी इनपुट सामग्री की लागत में वृद्धि और किराए में बढ़ोतरी से भी टीवी की कीमतें बढ़ी हैं.

इसके कारण स्थानीय टीवी निर्माता लगातार सरकार से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत टीवी निर्माण करने की अपील कर रहे हैं. वहीं कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में टीवी बड़ी हिस्सेदारी रखती है. टीवी की करीब 85 फीसदी हिस्सेदारी इस मार्केट में है. हालांकि इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि दुनिया भर के वैश्विक ब्रांडों सहित टेलीविजन निर्माण क्षेत्र में उछाल आएगा. वहीं वैश्विक ब्रांड अब स्थानीय निर्माताओं के साथ साझेदारी करेंगे.

सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह का कहना है कि वर्तमान में कुछ चीनी और ताइवानी फर्म फ्लैट-पैनल बाजार को नियंत्रित करते हैं और इससे उन्हें कीमतें बढ़ाने की अनुमति मिलती है, जो उनकी लागत को नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने कहा कि सरकार को पीएलआई योजना के तहत टीवी निर्माण को गंभीरता से मूल्यांकन करना चाहिए क्योंकि इससे भारतीय टीवी उद्योग वैश्विक मंच पर अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा और उपभोक्ता को लागत लाभ को सीधे पारित करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने जैसे पिछले साल टीवी के आयात पर प्रतिबंध लगाया, उससे घरेलू उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद मिली. इसी तरह टीवी क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को स्थानीय रूप से दोनों विनिर्माण कार्यों को बढ़ाने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में लाभ होगा. यदि सरकार इसमें असमर्थ रहती है तो ऐसा करने पर टीवी की प्रति यूनिट लागत 1 अप्रैल 2021 से कम से कम 2000-3000 रुपये तक बढ़ सकती है. इससे उपभोक्ता प्रभावित होंगे और मांग में कमी देखी जा सकती है. इससे इस सेक्टर का आर्थिक सुधार रुक सकता है.

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