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निवेशकों का म्यूचुअल फंड से निकलना जारी, क्या आप को बने रहना चाहिए?

नई दिल्लीः म्यूचुअल फंड निवेशकों का इससे मोहभंग होता जा रहा है. खुद म्यूचुअल फंड कंपनियों ने फरवरी में शेयरों से 16,300 करोड़ रुपये निकाल लिए. यह लगातार नौवां महीना है कि जब म्यूचुअल फंड कंपनियों ने शेयर बेचे हैं. दरअसल शेयर बाजार में तेजी की वजह से छोटे निवेशकों ने अब सीधे शेयर बाजार में निवेश शुरू कर दिया है. इन निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली भी की जा रही है. इसकी वजह से म्यूचुअल फंड शेयरों से फंड निकाल रहे हैं.

विश्लेषकों का कहना है शेयर बाजार में जब तक तेजी रहेगी, छोटे निवेशक इसका लाभ उठाते रहेंगे. दरअसल म्यूचुअल फंडों के साधारण प्रदर्शन के बाद इसके निवेशकों का रुझान इसमें कम हुआ है. निवेशक अब सीधे मार्केट में पैसा लगा कर इस तेजी का जल्द से जल्द फायदा उठा लेना चाहते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं इस तरह के निवेशक बाजार की तेजी का पूरी तरह लाभ उठाने के बाद ही लंबी अवधि के निवेश यानी म्यूचुअल फंड की ओर से रुख करेंगे. सेबी एक आंकड़े के मुताबिक 2020 में म्यूचुअल फंड्स ने शेयरों से कुल 56,400 करोड़ रुपये निकाले हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ी गिरावट के बाद बाजार में जब भी तेजी आती है निवेशक मुनाफावसूली करते हैं. कोविड-19 की वजह से दो साल पहले घाटा उठाने वाले निवेशकों ने अब मुनाफा काटा है.

एक्सपर्ट्स का मानना है इस समय म्यूचुअल फंड को जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए. अल्पावधि में फायदे के लिए निवेशकों को लॉन्ग टर्म फायदे की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए. बाजार में जब गिरावट आएगी तो इक्विटी फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए स्कीम की यूनिटें सस्ती हो जाएंगी. उन्हें पहले की निवेश में ही ज्यादा यूनिटें मिल जाएंगी. जब बाजार चढ़ेगा तो उन्हें इसका फायदा मिलेगा. इसलिए म्यूचुअल फंड निवेशकों खास कर SIP के जरिये निवेश करने वाले निवेशकों को इस दौर में भी अपने म्यूचुअल फंड निवेश में बने रहना चाहिए.

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