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सात दिनों तक ओटीपी समस्या टली, टेलीकॉम कंपनियों को फिलहाल एसएमएस फिल्टर बंद करने का निर्देश

टेलीकॉम कंपनियों ने सात दिनों लिए एसएमएस स्क्रबिंग पॉलिसी को टालने का फैसला किया है. इस बीच प्रमुख एंटिटी अपना-अपना मैसेजिंग टेंपलेट रजिस्टर्ड करा पाएंगे. नई एसएमएस स्क्रबिंग पॉलिसी में डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. उन्हें पेमेंट के लिए ओटीपी नहीं मिल रहा था.

इस समस्या को सुलझाने के लिए आज डॉट अधिकारियों की टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, ट्राई अधिकारियों, बैंक अधिकारियों और उन प्रमुख एंटिटी से बात करेंगे जो बल्क एसएमएस भेजते हैं. एसएमएस में स्क्रबिंग पॉलिसी लागू होने से सोमवार से मोबाइल ट्रांजेक्शन में दिक्कतें आने लगी थी. इससे ई-कॉमर्स कंपनियों और बैंकों की ओर से ग्राहकों को ओटीपी नहीं भेजे जा सके थे. लिहाजा बड़ी तादाद में ट्रांजेक्शन नहीं हो पाया.

ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर शिकायत करते हुए ट्वीट किए.दरअसल यह दिक्कत ट्राई की ओर से एसएमएस से जुड़ी नई गाइडलाइंस लागू करने से आई. इसे स्क्रबिंग पॉलिसी कहते हैं, जिसमें हर एसएमएस कंटेंट को भेजने से पहले वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होता है. सोमवार को यह गाइडलाइंस लागू हो गई, इसकी वजह से गैर वेरिफाइड और गैर रजिस्टर्ड एसएमएस नहीं भेजे जा सके.

लेकिन नए एसएमएस रेगुलेशन लागू होने से बड़ी तादाद में ओटीपी नहीं भेजे जा सके. बैंकों के पास शिकायतों का अंबार लग गया. जिन ग्राहकों को फंड ट्रांसफर करना था उन्हें ओटीपी नहीं मिल पाया इस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि यह पॉलिसी ठीक से लागू नहीं गई इसलिए इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं ट्राई का कहना है कि इंटरनेट फ्रॉड से बचाव के लिए यह पॉलिसी अपनाई गई है. दरअसल टेली मार्केटिंग कंपनियां ग्राहकों को भेजी गई ओटीपी को बगैर मंजूरी दिए बगैर भी उनकी मंजूरी हासिल करती रही हैं. इससे ग्राहकों से धोखाधड़ी बढ़ती जा रही थी. इसे ही रोकने के लिए एसएमएस वेरिफिकेशन की नीति अपनाई गई.

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