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इन चार स्कीम में लगाएं पैसा, मिलेगा बढ़िया ब्याज और टैक्स भी बचेगा

नई दिल्ली: लोग टैक्स में छूट पाने के लिए अलग-अलग विकल्पों को खोजते रहते हैं. इसके साथ ही अपने पैसे को निवेश करने के लिए लोग कई स्कीम्स में अपनी पूंजी इंवेस्ट करते हैं. हालांकि वर्तमान में कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनमें पैसों को निवेश करके बेहतर रिटर्न तो हासिल किया जा सकता है, साथ ही टैक्स छूट का फायदा भी उठाया जा सकता है. इन स्कीम के जरिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचाया जा सकता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड में पैसा लगाकर एक बेहतर रिर्टन हासिल किया जा सकता है. इसके साथ ही 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ भी हासिल किया जा सकता है. पीपीएफ की शुरुआत 500 रुपये से की जा सकती है. वहीं हर साल इसमें 1.5 लाख रुपये तक की राशि को जमा किया जा सकता है. 15 साल तक की अवधि के लिए इस स्कीम को चलाया जा सकता है और आगे भी इसको बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल इस खाते पर 7.1% की दर से ब्याज मिल रहा है. पीपीएफ खाते को किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम भी टैक्स बचाने और ब्याज पाने के लिए बेहतर विकल्प है. इस स्कीम में अगर एक बार में ही निवेश करना चाहते हैं तो कम से कम पांच हजार रुपये निवेश करना होगा. वहीं अगर कोई हर महीने इस स्कीम में पैसा निवेश करना चाहता है तो 500 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा इसमें नहीं है. बता दें कि देश में कई म्यूचुअल फंड कंपनियां टैक्स सेविंग स्कीम चलाती हैं और हर एक के पास इनकम टैक्स को बचाने के लिए ELSS मौजूद है. इस स्कीम में निवेश ऑनलाइन भी किया जा सकता है या किसी एजेंट के जरिए भी इसमें निवेश किया जा सकता है. वहीं इस निवेश पर ब्याज दर की जगह मार्केट लिंक रिटर्न हासिल होता है. वहीं इस स्कीम में तीन साल का लॉक-इन रहता है.

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में कम से कम 1000 रुपये का निवेश करना जरूरी होता है. हालांकि अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है. फिलहाल इस स्कीम पर 6.8 फीसदी की दर से सालाना रिटर्न मिल रहा है. इसके जरिए भी टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.

किसान विकास पत्र भी टैक्स बचाने और बेहतर ब्याज के लिए बढ़िया विकल्प है. इसमें न्यूनतम 100 रुपये का निवेश होना जरूरी है. हालांकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. इस स्कीम पर फिलहाल 6.9% ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में ढाई साल का लॉक इन पीरियड होता है. वहीं 80सी के तहत इस स्कीम से टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.

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