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इमरान खान ने फिर की भारत की तारीफ, इंडियन आर्मी को सैल्यूट कर कहा- ‘वह करप्ट नहीं हैं और सरकार में हस्तक्षेप नहीं करते’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत का गुणगान किया है. इस बार उन्होंने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए उन्हें सैल्यूट किया है. उन्हेंने इंडियन आर्मी की तारीफ करते हुए कहा कि वह करप्ट नहीं हैं. यह दूसरा मौका है जब इमरान खान ने भारत की तारीफ की है. दोनों ही तारीफें तब आईं हैं जब उनकी कुर्सी खतरे में है.

पाकिस्तानी सेना पर कटाक्ष तो नहीं?

इमरान खान ने रविवार को एक जनसभा में पाकिस्तानी सेना का नाम लिए बिना कहा, “मैं भारत को सलाम करता हूं. वे अपने लोगों के लिए काम करते हैं, भारतीय सेना भ्रष्ट नहीं है और वे कभी भी लोगों द्वारा चुनी गई सरकार में हस्तक्षेप नहीं करते हैं.” वहीं, पाकिस्तानी पर्यवेक्षक खान के बयान को पाकिस्तानी सेना पर कटाक्ष के रूप में देखते हैं जो देश की विदेश नीति और नागरिक सरकार को नियंत्रित करती है.

सेना और आईएसआई का दबाव 

ऐसी खबरें हैं कि इमरान खान को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने मामले को आगे बढ़ाए बिना ओआईसी की बैठक के बाद पद छोड़ने की “सलाह” दी थी. सूत्रों के अनुसार, इमरान खान ने बाजवा से तटस्थता के बारे में शिकायत की, जबकि सेना प्रमुख ने उन्हें संविधान का पालन करने और जिम्मेदारी से कार्य करने की सलाह दी. सूत्रों के अनुसार, बाजवा ने भी इमरान खान को कुर्सी छोड़ने को कहा है.

आंदोलन करने को भी तैयार

इमरान खान किसी भी कीमत में सेना की भी सुनने के मूड में नहीं हैं और उन्होंने पद छोड़ने की जगह इस लड़ाई को सड़कों पर ले जाने का फैसला किया है. उन्होंने विधानसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से एक दिन पहले 27 मार्च को अपने समर्थकों को पाकिस्तान नेशनल असेंबली पहुंचने की अपील की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, “मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान की आत्मा के लिए लड़ने के लिए सार्वजनिक उपस्थिति के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए जाएं.

सेना से क्यों नाराज हैं इमरान खान

दरअसल, चर्चा है कि इमरान खान को सत्ता में लाने में सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. अब जबकि इमरान खान कुछ कमाल नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें हटाने की पूरी तैयारी हो गई है. उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है. वह इस मसय में सेना से मदद चाहते थे, लेकिन सेना ने मदद करने से इंकार कर दिया. बताया जा रहा है कि उल्टा बाजवा ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा. अब जबकि उन्हें कुर्सी बचाने के लिए सेना की मदद की जरूरत है तो सेना पीछे हट गई है. यही सब वजह है कि वह सेना से नाराज चल रहे हैं.

भारत की विदेश नीति की भी तारीफ की थी

बता दें कि इमरान खान इससे पहले भारत की विदेश नीति की भी तारीफ कर चुके हैं. पीएम इमरान खान ने रविवार को कहा था कि, “मैं हिंदुस्तान की तारीफ करता हूं. हिंदुस्तान ने हमेशा आजाद विदेश नीति रखी. हिंदुस्तान अमेरिका का सहयोगी है और खुद को न्यूट्रल कहता है… रूस से तेल मंगवा रहा है, जबकि प्रतिबंध लगे हुए हैं. क्योंकि उसकी विदेशी नीति लोगों की बेहतरी के लिए है.”

 

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