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कोरोना की रफ्तार बेकाबू, 5 महीने बाद फिर आए रिकॉर्ड 53 हजार केस, 24 घंटे में 251 की मौत

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नई दिल्ली: देश में सवा पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जाने के बावजूद संक्रमण का प्रकोप थम नहीं रहा है. हर दिन रिकॉर्ड तोड़ कोरोना केस दर्ज किए जा रहे हैं. अब पांच महीने (153 दिन) बाद रिकॉर्ड पहली बार 53 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 53,476 नए कोरोना केस आए और 251 लोगों की जान चली गई है. हालांकि 26,490 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. इससे पहले 23 अक्टूबर 2020 को 53,370 कोरोना केस दर्ज किए गए थे.

कुल मामले- एक करोड़ 17 लाख 87 हजार 534

कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 12 लाख 31 हजार 650

कुल एक्टिव केस- तीन लाख 95 हजार 192

कुल मौत- एक लाख 60 हजार 692

कुल टीकाकरण- 5 करोड़ 31 लाख 45 हजार 709 डोज दी गई

एक समय ऐसा था जब देश में कोरोना संक्रमण की संख्या घटने लगी थी. इस साल 1 फरवरी को 8,635 नए कोरोना केस दर्ज किए गए थे. एक दिन में कोरोना मामलों की ये संख्या इस साल सबसे कम है. सबसे ज्यादा केस सितंबर 2021 में दर्ज किए जा रहे थे.

हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया है कि देश के दस जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. ये 10 जिले हैं- पुणे, नागपुर, मुंबई, थाने, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु, अर्बन नांदेड़, जलगांव और अकोला. महाराष्ट्र में 9 जिले हैं और एक कर्नाटक का जिला है जहां सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. दो राज्यों महाराष्ट्र और पंजाब में लगातार केस बढ़ रहे हैं. इन दोनों के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ में केस तेजी से बढ़ रहे हैं.

देश में भारत ने बुधवार को कोरोना टीकाकरण के 68वें दिन तक कुल पांच करोड़ 31 लाख वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. बीते दिन कुल 23.03 लाख वैक्सीन डोज दी गई. 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 92 फीसदी हैल्थकेयर वर्करों को पहला डोज दे दिया है. वहीं दस राज्य ऐसे हैं जहां 100 फीसदी हैल्थकेयर वर्करों को पहली डोज दे दी है. 11 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने 90 फीसदी से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्करों का पहला डोज दे दिया है. वहीं 9 राज्य ऐसे है जहां 80 फीसदी फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरा डोज दे दिया है.

भारत आगामी कुछ महीनों तक कोविड-19 टीकों के निर्यात को संभवत: विस्तार नहीं देगा, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर उसका ध्यान घरेलू मांग को पूरा करने पर केंद्रित हो गया है. भारत विभिन्न देशों से की जा चुकी मौजूदा प्रतिबद्धताएं पूरी करेगा, लेकिन घरेलू मांग पूरा करने के लिए आगामी कुछ महीनों के लिए निर्यात नहीं बढ़ाएगा.

अधिकारी ने बताया, दो-तीन महीनों बाद हालात की समीक्षा की जाएगी. भारत ने विदेशों में टीके की आपूर्ति करना 20 जनवरी से शुरू किया था. भारत अब तक करीब 80 देशों में टीके की छह करोड़ चार लाख खुराक भिजवा चुका है.

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