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1 अप्रैल से बढ़ेंगी स्टील की कीमतें, जानिए घर बनाना महंगा होने से लेकर और क्या होगा असर

भारतीय बाजार में अब स्टील के दामों में तेज बढ़ोतरी हो सकती है. जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, एम/एनएस और टाटा स्टील हॉट रोल्ड क्वायल यानी एचआरसी के दाम में चार हजार रुपये टन की बढ़ोतरी हो सकती है. स्टील कंपनियों के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कंपनियों ने स्टील के दाम बढ़ाने का फैसला अभी नहीं किया है लेकिन इंटरनेशनल मार्केट में कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए 1 अप्रैल से घरेलू दाम में बढ़ोतरी की जा सकती है. पिछले साल दिसंबर में इसके दाम में 2500 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हुई थी. इसके बाद इसमें डेढ़ हजार प्रति टन की बढ़ोतरी हुई थी.

दिसंबर, 2020 में स्टील के दाम में बढ़ोतरी 12 साल के टॉप पर पहुंच गई थी. अब एक बार फिर इसके दाम बढ़ने के आसार बढ़ने लगे हैं. दिसंबर, 2020 में स्टील के दाम 48,300 रुपये प्रति टन पर पहुंच गए थे. यह 2008 के बाद का टॉप लेवल था. दिसंबर 2020 में जुलाई 2020 की तुलना में स्टील के दाम 32 फीसदी बढ़ गए थे. दरअसल इंटरनेशनल मार्कट में स्टील रॉ मैटेरियल की ऊंची कीमतों और उत्पादन की तुलना में मांग बढ़ने से स्टील के दाम तेजी से बढ़े हैं. घरेलू मार्केट में कच्चे माल में तेज बढ़ोतरी और ओडिशा में उत्पादन में आई गिरावट की वजह से स्टील के दाम में तेजी आ रही है.

स्टील के दाम में तेजी का यह ट्रेंड अभी बरकरार रहेगा. क्योंकि दुनिया भर के स्टील उत्पादन का सबसे ज्यादा हिस्से की चीन में खपत हो जाती है. बाकी दुनिया के पास काफी कम स्टील बच जाता है. इसलिए वर्ल्ड मार्केट में स्टील की कमी इसकी कीमतों को बढ़ा देता है. घरेलू मार्केट में स्टील की कीमतें बढ़ने की यही वजहे हैं. भारतीय बाजार में सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर देने के बाद स्टील की मांग में तेजी दिखने लगी है. यही वजह है कि कंपनियां इस मौके का फायदा उठा कर कीमतों में बढ़ोतरी करना चाहती हैं. इससे रियल एस्टेट सेक्टर की लागतें भी बढ़ेंगीं.

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