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रामनवमी में राममय हुई सरकार

भगवान श्रीराम के जन्माेत्सव पर सरकार भी राममय हो गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी के दूधाधारी मठ पहुंचे। यहां उन्होंने श्री राम पंचायतन मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता और तीनों भाइयों सहित विराजमान हैं। मुख्यमंत्री ने चंदखुरी जाकर माता कौशल्या और भगवान राम के बालरूप के दर्शन-पूजन किये। मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया भी मंदिर पहुंचे थे।

दूधाधारी मठ पहुंचने पर महंत राजेश्री रामसुंदर दास, पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने दूधाधारी मठ स्थित संकट मोचन हनुमान जी, बालाजी भगवान और श्री राम पंचायतन मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और माता जानकी की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महंत राजेश्री श्री बलभद्र दास जी की समाधि के भी दर्शन किए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को रामनवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वनवास काल का सबसे अधिक समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। इसलिए भगवान राम छत्तीसगढ़ में जहां-जहां से गुजरे थे, प्रथम चरण में उनमें से महत्वपूर्ण स्थलों का चयन कर उनका विकास राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष हमने चंदखुरी में कौशल्या माता मंदिर के जीर्णाेद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य का तथा पर्यटकों के लिए विकसित की गई सुविधाओं का लोकार्पण किया था। आज रामनवमी के अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ शिवरीनारायण में इस पर्यटन परिपथ के तहत मंदिर के जीर्णाेद्धार और विकास कार्यों, पर्यटकों के लिए विकसित सुविधाओं का लोकार्पण किया जा रहा है। आने वाले समय में अन्य स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।

हर काल में महत्वपूर्ण रहा है यह क्षेत्र

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम छत्तीसगढ़ आए थे। बौद्ध काल का सबसे बड़ा स्मारक छत्तीसगढ़ के सिरपुर में है, जिसे भी विकसित किया जा रहा है। देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हमारे यहां शहीद गुंडाधुर, अमर शहीद गेंदसिंह, अमर शहीद वीर नारायण सिंह जैसे सेनानी सन 1857 के पहले हुए। उनकी शौर्य गाथा हमें गौरवान्वित करती है। उन्होंने कहा कि चाहे लेखन का या साहित्य का क्षेत्र हो छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ में पहली कहानी और पहले उपन्यास की रचना की गई। छत्तीसगढ़ के योगदान को आज देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की जरूरत है।

पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हुआ है चंदखुरी

चंदखुरी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस पवित्र स्थान को जन भावनाओ के अनुरूप विकसित किया गया है। मंदिर सौंदर्यीकरण के साथ ज्योति कलश बनाये गए है। उन्होंने कहा कि इस जगह के विकसित होने से धार्मिक के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी लोगो को फायदा हुआ हैं। अब रायपुर, दुर्ग-भिलाई से लोग वीकएन्ड पर यहां आते है। माता कौशल्या के दर्शन कर पुण्य लाभ लेते है और घूम कर भी जाते है।

 

 

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