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बाजार में उतार चढ़ाव के बीच निवेश का एक बेहतरीन मौका, जानें आपके काम की खबर

शेयर बाजार में तेजी हो या मंदी पर यह सवाल बहुत आम है कि क्या यह निवेश के लिए सही समय है. कोरोना महामारी के दौर मे यह चिंता जायज भी है. पिछले साल भी करीब- करीब इस वक्त पर निवेशक बहुत घबराये हुए थे. नया इन्वेस्टमेंट तो दूर बहुत से निवेशकों ने तो पूंजी बाजार से अपना पूरा पैसा निकाल लिया था. लेकिन जिन निवेशकों ने हिम्मत करके निवेश किया उन्हें अच्छा मुनाफा मिला और जो निवेश नहीं कर पाये वो शायद अफ़सोस कर रहे होंगे. पिछले एक साल मे शेयर बाज़ार ने निवेशकों को जितना आकर्षक रिटर्न दिया निवेशकों को आने वाले एक साल में शेयर बाज़ार से वैसे रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चहिये लेकिन लंबे वक्त मे आकर्षक रिटर्न पाने की उम्मीद जरूर की जा सकती है.

देश और दुनिया में कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और शायद कुछ महीनो में करीब करीब सभी योग्य व्यक्तियों को वैक्सीन लग जाएगी. वैसे देखा जाए तो शेयर बाजार में निवेश के लिए हर समय सही समय है यदि शेयरों का चुनाव सही हो और निवेश का नजरिया लम्बा हो. हमने देखा है कि इक्विटी एक ऐसा एसेट क्लास है जो लम्बे समय में अच्छे रिटर्न दिलाने की क्षमता रखता है और आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित होता है.

कंपनियों के आकार के आधार पर, उनके इक्विटी शेयरों को लार्ज कैप, मिड कैप या स्माल कैप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. सामान्य तौर पर देखा गया है कि लार्ज कैप शेयर अक्सर कम जोखिम के साथ एक औसत गति से बढ़ते हैं, जबकि स्माल कैप अधिक जोखिम के साथ लंबे वक्त मे बेहतर रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं. एक सफल निवेश पोर्टफोलियो के लिए, स्थिरता और विकास का मिश्रण बहुत जरूरी है जो कि काफी हद तक एक डाइवर्सिफाइड मल्टी कैप फंड में  है. पूंजी बाज़ार के रेग्युलेटर सेबी के दिशा निर्देशों के अनुसार मल्टी कैप फ़ंड का निवेश तीनों श्रेणी के शेयरों मे कम से कम 25-25 प्रतिशत होना आवश्यक है. जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि को फ़ंड मैनेजर अपनी बुद्धिमता और परिस्थिति के अनुसार किसी भी श्रेणी के शेयरों मे निवेश कर सकते हैं. पूरी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होने के कारण मल्टी कैप फ़ंड विभिन्न परिस्थितियों मे एक औसत जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं.

शेयर बाज़ार मे छोटे वक्त में उतार चढ़ाव की संभावना अधिक रहती है जबकि लंबे वक्त में यह जोखिम काफी कम हो जाता है. निवेशकों को अपने लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे से इक्विटी मल्टी कैप फ़ंड में निवेश करना चाहिए. लंबी अवधि में एक अनुशासित तरीके से एसआईपी या एसटीपी के जरिये निवेश शेयर बाज़ार मे होने वाले उतार- चढ़ाव के जोखिम को और भी कम कर देता है. नए निवेशक विशेष रूप से जो एक छोटी राशि के साथ एक इक्विटी फंड में एकमुश्त या एसआईपी शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए भी मल्टी कैप फंड एक अच्छी पसंद हो सकती है क्योंकि उन्हें एक ही स्कीम में लार्ज, मिड और स्माल कैप तीनों तरह के म्यूचुअल फ़ंड का लाभ मिल सकता है.

आज के मल्टी कैप पहले के मुकाबले बहुत अलग हैं. नवंबर 2020 में सेबी द्वारा फ्लेक्सी कैप फ़ंड की नयी कैटेगरी शुरू किए जाने के बाद अधिकतर म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों ने अपने मल्टी कैप फ़ंड को फ्लेक्सीकैप में तब्दील कर दिया और इस श्रेणी में कुछ ही फंड रह गए हैं. फ्लेक्सीकैप और मल्टी कैप फ़ंड दोनों के अपने अलग अलग फायदे हैं इसलिए अधिकांश म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों के पास मल्टी कैप फ़ंड लांच करने की अच्छी गुंजाइश है.

हाल ही में आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने भी मल्टी कैप फंड का एनएफओ लॉन्च किया है. यह एनएफओ 3 मई 2021 तक खुला रहेगा. स्कीम इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (एसाइडी) के अनुसार स्कीम में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश की शुरुआत की जा सकती हैं. फ़ंड मैनेजर की कोशिश रहेगी कि आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनियों के शेयरों को इस स्कीम के पोर्टफोलियो में शामिल किया जाये ताकि कम जोखिम के साथ लंबी अवधि मे निवेशको को अच्छा लाभ दिलाया जा सके, साथ ही पूरे सेक्टर को एक ही नजर से देखने की बजाय उस सेक्टर की एक विशिष्ट कंपनी की आर्थिक स्थिति और बिजनेस मॉडल पर ध्यान दिया जायेगा. समान्यतया ऐसा देखा गया है कि एक आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनी बुरे हालातों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है जबकि एक कमजोर कंपनी अच्छे समय मे भी व्यवसाय में बढ़त बनाने मे असफल रह जाती है. यदि आपके जोखिम सहने की क्षमता अधिक है और आप पांच साल या उससे अधिक समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इस फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.

 

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