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छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी, प्रबंधन और हर दिन हो रही मौत के आंकड़ों से उठ रहे कई सवाल

छ्त्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. हर तरफ से लोगों के परेशान होने की खबरें आ रही हैं. कहीं आईसीयू बेड के लिए लोग भटक रहे हैं तो कहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश में सुबह 4 बजे से लाइनों में खड़े हैं.

ये हाल तब हैं जब छ्त्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए कुशल प्रबंधन किया जा रहा है. जबकि प्रदेश के 5 जिले ऐसे हैं जहां 42 फीसदी एक्टिव मरीज हैं. ऐसे में कोरोना पर सरकार की व्यवस्था पर कितना यकीन किया जाए इस पर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है.

पिछले कुछ दिनों से कोरोना से प्रदेश में या तो 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है या फिर ये आंकड़ा 200 के करीब होता है. महाराष्ट्र , उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों की अपेक्षा छ्त्तीसगढ़ छोटा राज्य है. यहां इतने लोगों की मौत छ्त्तीसगढ़ के लिए चिंता की बात है. इन सब के बीच बीजेपी ने छ्त्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन आरोपों के बारे में भी सिलसिलेवार तरीके से जान लीजिए.

छ्त्तीसगढ़ सरकार से मांगा जा रहा है 400 करोड़ का हिसाब

छ्त्तीसगढ़ के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के वर्तमान विधायक अजय चंद्राकर का कहना है कि पूरे देश मे एकमात्र छ्त्तीसगढ़ सरकार है जिसने शराब पर कोरोना सेस लिया. सरकार को इससे 600 करोड़ कमाने का अनुमान था लेकिन सरकार के पास 400 करोड़ रुपये आये. चूंकि सरकार ने कोरोना सेस लगाया था इसलिए ये अब सरकार से ये पूछा जा रहा है कि 400 करोड़ रुपए में कोरोना के लिए कितना खर्च किया गया इसका हिसाब सार्वजनिक किया जाए.

वहीं अजय चंद्राकर का ये भी दावा है कि 350 करोड़ रुपए कर्मचारियों के एक दिन के वेतन से सरकार के पास आया. 182 करोड़ रुपए विधायकों के वेतन से मिला.  जिसमे सभी पार्टी के विधायक शामिल हैं. इतना पैसा होने के बाद भी सरकार ये सार्वजनिक नहीं कर रही है कि उन पैसों का क्या हुआ. छ्त्तीसगढ़ सरकार ने ये वादा किया है कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका सरकार मुफ्त में लगवाएगी लेकिन उसका भी सरकार के पास कोई प्लान नहीं है.

हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल ही ये जानकारी दी है कि टीका बनाने वाली दोनों कंपनी को वैक्सीन का आर्डर दे दिया गया है. इसके बाद भी विपक्ष का आरोप है कि सरकार केवल अलग अलग स्रोतों से पैसा इकट्ठा तो कर रही है लेकिन पैसा खर्च नहीं कर रही है. सरकार ने अपने श्रोतों से क्या खर्च किया है. ये सरकार नहीं बताना चाहती है.

कोरोना के केस बढ़ने के पीछे छ्त्तीसगढ़ सरकार जिम्मेदार

हर दिन जिस तरह से लोगों की परेशानी सामने आ रही है. उसे देखकर ये कोई नहीं कह सकता कि छ्त्तीसगढ़ में हालात बेहतर हैं. कहीं बिस्तर की जगह कुर्सी में इलाज हो रहा है तो कहीं लोग रेमडीसीवीर के लिए चक्कर लगा रहे हैं. रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अम्बेडकर अस्पताल में जिस रेड क्रॉस मेडिकल स्टोर से लोगों को रेमडीसीवीर इंजेक्शन मिलने का भरोसा दिलाया गया वहीं ताला लगा दिया गया. लोग दिनभर भटकते रहे.

सुबह 4 बजे से लाइन में खड़े होने के बाद भी उन्हें इंजेक्शन नसीब नहीं हुआ. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय इन सब के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के असम दौरे को ज़िम्मेदार बता रहे हैं. साय का कहना है कि जब प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ रहा था तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में चुनाव प्रचार कर रहे थे. जबकि अजय चंद्राकर कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से कितने लोगों का फ्री इलाज हुआ .सरकार के पास इसका तक आंकड़ा नहीं है.

सरकार ये बताए कि कोरोना से निपटने के लिए अब तक उसे स्थाई इंफ्रास्टक्चर क्या तैयार किया है. प्रदेश में कोरोना के कहर के पीछे क्रिकेट मैच को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अजय चंद्राकर का कहना है कि जिस समय कोरोना से सावधानी बरतना चाहिए उस समय छ्त्तीसगढ़ में 40-50 हजार लोगों को स्टेडियम में बैठाकर मैच दिखाया जा रहा था.

नक्सल प्रभावित जिलों और गांव में पहुंच रहा है कोरोना

रायपुर, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव , बिलासपुर ऐसे जिले हैं जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़े. लेकिन अब रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर जिलों में भी कोरोना के केस बढ़े आ रहे हैं. 26 अप्रैल आंकड़े पर अगर नजर डालें तो प्रदेश में कुल 215 लोगों की मौत हुई है जबकि 15084 एक दिन में पॉजिटिव केस आये हैं. रायगढ़ में 1036 केस, जांजगीर में 893 केस, कोरिया में 418 केस, सूरजपुर में 395 केस, जशपुर में 452 केस , बस्तर में 213 केस, कोंडागांव में 153 केस और कांकेर में 518 केस सामने आए हैं. जिन जिलों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसमें बलोदाबाजार है जहां एक दिन में 880 केस सामने आए हैं.

सरकार ने किया पलटवार

बीजेपी के गंभीर आरोप और कोरोना के प्रदेश के दूरस्थ जिलों में बढ़ते आंकड़ों ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लेकिन छ्त्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि बीजेपी के आरोप निराधार हैं. सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रविन्द्र चौबे ने बातचीत में कहा कि बीजेपी के आरोप निराधार हैं.

चौबे ने कहा कि सरकार न अबतक अलग-अलग मदों से कोरोना के लिए 800 करोड़ से ज्यादा खर्च किये हैं. जहां तक अजय चंद्राकर के 400 करोड़ रुपए वाली बात है तो ये इतनी राशि है ही नहीं. एक एक रुपए का हिसाब मांगने वाले ये लोग वैक्सीन पर व्यापार कर रहे हैं. छ्त्तीसगढ़ सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है.

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