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नवंबर-दिसम्बर में आयेगी कोरोना की तीसरी लहर, इस बार कोरोना सबसे ज्यादा इस उम्र के लोगों को करेगा प्रभावित

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देश में नवंबर-दिसम्बर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।  अभी तक के रिसर्च के मुताबिक तीसरी लहर में युवा वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.  यदि समय रहते सभी को वैक्सीन नहीं दी गई तो कोरोना की तीसरी लहर में स्थिति और भयावह हो जाएगी.  “ऐसी स्थिति में 18 से कम उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, जबकि इससे ऊपर के लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा कम होगा.

केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने बुधवार को कहा कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर भी आएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा, “तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. कोरोनावायरस के वैरिएंट लगातार बदल रहे हैं, इसलिए हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना होगा.” उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन वैज्ञानिक इसको अपग्रेड करने पर भी काम कर रहे हैं.

तीसरी लहर कब तक आ सकती है? इस बारे में बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर बाबू कहते हैं, “इसके ठंड में आने की आशंका है. नवंबर के आखिरी में या दिसंबर की शुरुआत में. इसलिए इस संक्रमण से जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरूरत है.” डॉ. गिरिधर कर्नाटक में नेशनल कोविड टास्क फोर्स के मेंबर और एडवाइजर भी हैं. वो कहते हैं कि अगली लहर युवा आबादी को प्रभावित कर सकती है.

इससे पहले केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने बुधवार को कहा कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर भी आएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा, “तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. कोरोनावायरस के वैरिएंट लगातार बदल रहे हैं, इसलिए हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना होगा.” उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन वैज्ञानिक इसको अपग्रेड करने पर भी काम कर रहे हैं.

हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि “तीसरी लहर तीन फैक्टर पर निर्भर करती है. पहला तो ये कि दिसंबर तक हम कितने लोगों को वैक्सीनेट करते हैं. दूसरा हम सुपर स्प्रेडर इवेंट को कितना रोक पाते हैं और तीसरा ये कि हम कितनी जल्दी वायरस के नए वैरिएंट्स की पहचान कर पाते हैं और उसे रोक पाते हैं.”

 

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