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विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार से रौनक गायब, निवेशकों को हुआ 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

आरबीआई (RBI) के रेपो रेट ( Repo Rate) और सीआरआर ( CRR) बढ़ाने के फैसले के बाद से भारतीय शेयर बाजारों ( Indian Stock Market)  में गिरावट का सिलसिला जारी है. तो वैश्विक हालात ( Global Situation)और दुनिया भर के शेयर बाजारों में मायूसी भी भारतीय बाजारों में गिरावट की बड़ी वजह है. विदेशी निवेशक ( Foreign Investors) लगातार बिकवाली कर रहे हैं. यही वजह है कि शेयर बाजार में गिरावट के साथ ही रुपया ( Rupee) भी डॉलर ( Dollar) के मुकाबले 77.40 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तरों तक जा लुढ़का.

निवेशकों को 4 लाख करोड़ का नुकसान
निवेशकों ( Investors) को भारी नुकसान सेंसेक्स 647.37 अंक और निफ्टी 183.55 अंक नीचे जा लुढ़का. एक वक्त सेंसेक्स 935 अंक गिरकर 54,000 अंकों के नीचे जा फिसला था तो निफ्टी भी 270 अंक नीचे ट्रेड कर रहा था जिसके चलते निवेशकों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. निवेशकों को एक झटके में 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. बीएसई में लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैपिटलाईजेशन (Market capitalization) करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये घटकर  255 लाख करोड़ रुपये से घटकर 251 करोड़ रुपये घटकर पर आ गया.

क्यों गिरा बाजार

डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट के चलते शेयर बाजार में ये गिरावट देखी जा रही है. रुपये डॉलर के मुकाबले 77.40 रुपये तक जा लुढ़का जो कि रुपये का डॉलर के मुकाबले सबसे निचला स्तर है. रुपये में आई ये कमजोरी बताती है कि विदेशी निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं.

विदेशी निवेशकों की बिकवाली 

विदेशी पोर्टपोलियो इंवेस्टर्स ( Foreign Portfolio Investors)  भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. मई 2022 के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने करीब 6417 करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए हैं. वहीं 2022 में अब तक विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से 1.33,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली कर चुके हैं.

महंगाई बनी चिंता का कारण 

महंगाई ( Inflation) शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ा चिंता का कारण है. इससे एक तरफ जहां कर्ज महंगा हो रहा है दूसरी तरफ कंपनियों की लागत बढ़ रही है खासतौर से कमोडिटी दामों में उछाल के चलते. महंगाई के चलते कंपनियों का मुनाफा घट सकता है. साथ ही बार बार कीमतें बढ़ाने से प्रोडक्ट की मांग घटेगी इससे कंपनियों के वित्तीय नतीजों पर असर पड़ेगा. आने वाले तिमाही में कंपनियों के नतीजें बाजार के उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने वाले हैं जिसके चलते विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं.

 

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