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निर्यात के मोर्चे पर बढ़त बरकरार, निर्यातकों के पास बढ़ने लगे हैं ऑर्डर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बावजूद निर्यात सेक्टर का प्रदर्शन लगातार सुधर रहा है. इस महीने के पहले सप्ताह में निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. इस महीने के पहले सप्ताह में निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 80 फीसदी बढ़ कर 7.04  अरब डॉलर पर पहुंच गया. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में 1 से 7 मई के बीच 3.91 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था. वहीं 2019 की इसी अवधि में 6.48 अरब डॉल का निर्यात किया गया था. हालांकि इस अवधि में आयात भी 80.7 फीसदी बढ़ कर 8.86 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 4.91 अरब डॉलर और 2019 में 10.39 अरब डॉलर था.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 1 से 7 मई के बीच जेम्स-एंड ज्वैलरी, जूट, कालीन, हैंडीक्राफ्ट, लेदर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, काजू, इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, मरीन प्रोडक्ट और केमिकल का निर्यात कारोबार अच्छा रहा. फियो ने अगले कुछ महीनों में निर्यात के और बेहतर रहने की उम्मीद जताई है.

फियो के प्रेसिडेंट एसके सराफ ने कहा कि निर्यात वृद्धि उत्साह बढ़ाने वाली है. निर्यातकों के पास अभी अच्छे ऑर्डर मौजूद हैं. उन्होंने सरकार से निर्यातकों की सुविधा देने के लिए देश से वाणिज्यिक वस्तु निर्यात योजना (एमईआइएस) और निर्यात उत्पादों पर शुल्क और टैक्स की आरओडीटीईपी (रोडटेप) दरों पर गौर करने की मांग की. इसी बीच सरकार ने सीमलेस ट्यूब और पाइप की कुछ किस्मों पर लागू एंटी-डंपिंग शुल्क इस वर्ष अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है. इसका मकसद घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा करना है. एक अधिसूचना में कहा गया है कि  अगर सरकार बीच में शुल्क वापस नहीं ले लेती या उसमें संशोधन नहीं किया जाता तो सीमलेस ट्यूब और पाइप की कुछ किस्मों पर एंटी-डंपिंग शुल्क 31 अक्ट्रबर 2021 तक लागू रहेगा.

 

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