Close

कोरोना काल में बढ़ी विटामिन सी की बिक्री, लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से होते हैं यह नुकसाान

कोरोना महामारी की पहली लहर से अब तक इम्यूनिटी शब्द की खूब चर्चा है. दरअसल जब से लोगों को ये बात पता चली है कि मजबूत इम्यूनिटी बीमारी से सुरक्षा देती है, इम्यूनिटी बूस्टर प्रोडक्ट की बाजार में भरमार हो गई. कंपनियों ने महामारी काल में ग्राहकों की मांग को देखते हुए एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट बाजार में उतारे. विटामिन सी की गोलियां, च्यवनप्राश, काढ़ा, जिंक, विटामिन डी सप्लीमेंट की बिक्री ने पिछले पुराने रिकॉर्ड धराशायी कर दिए.

गोली या सप्लीमेंट्स के आंकड़ों  पर नजर डालें, तो पता चलता है कि पिछले साल अक्तूबर महीने में जिंक की बिक्री 50 करोड़ रुपए की हुई. भारतीयों ने हर उस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जिसमें इम्यूनिटी का दावा किया गया था. उद्योग मंडल एसोचैम के मुताबिक, महामारी काल में विटामिन सी की गोलियों की 23 फीसद सालाना बिक्री बढ़ कर 1267 करोड़ पर पहुंच गई. अगर बाजार का यही रुझान रहा तो हो सकता है 2026 तक भारत में इम्यूनिटी बूस्टर प्रोडक्ट का बाजार 34.5 करोड़ का हो जाए.

एक रिसर्च में बताया गया है कि प्रति व्यक्ति आमदनी में वृद्धि और मध्यम वर्ग और शहरी आबादी के बढ़ने से भी इम्यूनिटी बूस्टिंग प्रोडक्ट्स की मांग तेज कर रही है. व्यस्त जीवनशैली के नतीजे होनेवाले पोषक तत्वों और फिटनेस की कमी से भी देश भर में इम्यूनिटी बढ़ानेवाले प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे रहे हैं. कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य और खुशहाली में उपभोक्ता का नया रुझान बना दिया है. दूसरी लहर के दौरान में भारत में अचानक घरेलू नुस्खों की आई बाढ़ से विशेषज्ञ भी हैरान हैं.

हार्वर्ड मेडिसिन के विशेषज्ञ रिचर्ड डेविड कहते हैं, “भारतीयों के इस तरह का व्यवहार अपनाने के पीछे चिकित्सा संसाधनों पर अत्यधिक दबाव प्रमुख कारण है. लोगों ने संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए खुद से उपायों को तलाशना शुरू कर दिया है.” विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह है कि घर पर तैयार भोजन ही सभी जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति का अच्छा जरिया है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी हैं. सप्लीमेंट की जरूरत होने पर डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक इस्तेमाल करना चाहिए. WHO रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विटामिन सी का दावा खारिज कर चुका है. लेकिन चेतावनी के बावजूद अगर उसका सेवन अधिक करते हैं, तो उससे दस्त, उल्टी, पत्थरी और अनिंद्रा का खतरा है.

 

ये भी पढ़ें – गोल्ड के दाम बढ़ रहे हैं, 2021-22 की पहली सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज में निवेश करके मुनाफा कमाएं

One Comment
scroll to top