मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक की कल जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल की तरह वित्त वर्ष 2020-21 में 2,000 रुपए के नए नोटों की कोई सप्लाई नहीं हुई है. रिजर्व बैंक ने पिछली बार 2018-19 में 467 लाख 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई की थी. आरबीआई ने 20 रुपए के नोटों की सप्लाई 2019-20 में 13,390 लाख नोटों से बढ़ाकर 2020-21 में 38,250 लाख नोट कर दी है.
मूल्य के हिसाब से चलन में मौजूद नोटों में 500 और 2,000 के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत है. मात्रा के हिसाब से 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद नोटों में 500 रुपए के नोट का हिस्सा सबसे ज्यादा 31.1 प्रतिशत था. उसके बाद 10 रुपए के नोट का नंबर आता है. इसका हिस्सा 23.6 प्रतिशत था. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 9.7 प्रतिशत कम रहे. सप्लाई भी एक साल पहले की तुलना में 0.3 प्रतिशत कम रही. रिजर्व बैंक ने अपना वित्त वर्ष पहले के जुलाई से जून से बदलकर अप्रैल- मार्च कर दिया है. वर्तमान सालाना रिपोर्ट जुलाई 2020 से मार्च 2021 की नौ माह की अवधि के लिये जारी की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद कुल बैंक नोटों में 500 और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत था. वहीं, 31 मार्च, 2020 के अंत तक यह आंकड़ा 83.4 प्रतिशत था.
केंद्रीय बैंक की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों ने एहतियातन नकदी को अपने पास रोककर रखा, जिससे चलन में नोटों में औसत से ज्यादा का इजाफा हुआ.’’ रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी की एहतियाती मांग बढ़ने के बीच उसने बैंक नोटों की बढ़ी मांग को पूरा करने का प्रयास किया.
बता दें कि चलन में मौजूद मुद्रा में नोट और सिक्के आते हैं. अभी रिजर्व बैंक 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपए के नोट जारी करता है. साथ ही केंद्रीय बैंक 50 पैसे, 1, 2, 5, 10 और 20 रुपए के सिक्के भी जारी करता है.
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