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कोरोना की दूसरी लहर से एक करोड़ से ज्यादा लोगों की गई नौकरी, 12 फीसदी हुई बेरोजगारी दर

नई दिल्लीः कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण देश में काफी संख्या लोगों को अपनी नौकरी खोनी पड़ी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के अनुसार देश में एक करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

रिपोर्ट के मुताबाकि, पिछले साल महामारी की शुरू होने  से अब तक 97 प्रतिशत परिवारों की आय कम हुई है. सीएमआईई के सीईओ महेश व्यास के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में तो सुधार हो रहा है लेकिन संगठित क्षेत्र या फॉर्मल सेक्टर को पटरी पर वापस आने में अभी और समय लगेगा. ऐसे में नौकरी गंवाने वाले लोगों को नई नौकरी ढूंढने में दिक्कत हो रही है.

रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर मई में 12 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 8 प्रतिशत थी. वहीं, 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर 17.18 फीसदी रही जबकि दो मई को खत्म हुए सप्ताह में शहरी बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत थी. शहरी बेरोजगारी दर में 15 दिन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

सीएमआईई ने अप्रैल में 1.75 लाख परिवार का देशव्यापी सर्वे का काम पूरा किया. व्यास के मुताबिक, सर्वे में गत एक साल के दौरान आय सृजन को लेकर चिंताजनक स्थिति सामने आई है. सर्वे में शामिल परिवार में से केवल 3 प्रतिशत ने आय बढ़ने की बात कही, जबकि 55 फीसदी ने आमदनी कम होने की बात कही. वहीं, 42 फीसदी ने अपनी आय को पिछले साल के बराबर बताया.

व्यास के अनुसार, यदि महंगाई दर को समायोजित किया जाए, हमारा अनुमान है कि देश में 97 प्रतिशत परिवार की आय महामारी के दौरान कम हुई है.
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया था. लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी.

 

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