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कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से बनती है ज्यादा एंटीबॉडी, भारत बायोटेक ने खारिज किया

हैदराबाद: भारत बायोटेक ने वैक्सीन को लेकर किया गया वह दावा खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से ज्यादा एंटीबॉडी बनती है. एक अध्ययन में कहा गया था कि कोवैक्सीन की खुराकें लेने वालों की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर लोगों में सीरो पॉजिटिविटी दर ज्यादा थी. अब भारत बायोटेक ने इस अध्ययन को खारिज किया है.

भारत बायोटेक ने कहा है, ‘’अध्धयन में बहुत सारी खामियां हैं. अध्ययन न तो सांख्यिकी पर आधारित है और न ही वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया गया है. यह पहले से तय परिकल्पना है.’’ कंपनी ने कहा, ‘’वह जुलाई में चरण 3 परीक्षण डेटा प्रकाशित करेगी और उसके बाद वह COVAXIN के पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी.’

कपंनी ने कहा कि इस साल जनवरी मध्य से ही वैक्सीनेशन जारी है और अब तक लाखों डोज लगाए जा चुके हैं, इसलिए जल्द ही हमारे पास एक विश्वसनीय और विशाल डेटा मौजूद होगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का निर्माण कर रही है. वहीं हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ तालमेल से कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है.

दोनों टीकों की खुराकें ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में शामिल होने वालों के खून के नमूनों में एंटीबॉडी और इसके स्तर की जांच की गई थी. अध्ययन के लेखक और जीडी हॉस्पिटल एंड डायबिटिक इंस्टीट्यूट, कोलकाता में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (मधुमेह रोग विशेषज्ञ) अवधेश कुमार सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों खुराक लिए जाने के बाद दोनों टीकों ने प्रतिरक्षा को मजबूत करने का काम किया. हालांकि, कोवैक्सीन की तुलना में सीरो पॉजिटिविटी दर और एंटीबॉडी स्तर कोविशील्ड में ज्यादा रहा.’’ कोवैक्सीन की खुराकें लेने वालों की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर लोगों में सीरो पॉजिटिविटी दर अधिक थी.

इस अध्ययन में 13 राज्यों के 22 शहरों के 515 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया. इनमें से 305 पुरुष और 210 महिलाएं थीं. अध्ययन के लेखक ने कहा, ‘‘515 स्वास्थ्यकर्मियों में दोनों टीकों की दोनों खुराकें लेने के बाद 95 प्रतिशत में सीरो पॉजिटिविटी दिखी. इनमें से 425 लोगों ने कोविशील्ड और 90 लोगों ने कोवैक्सीन की खुराकें ली थी और सीरो पॉजिटिविटी दर क्रमश: 98.1 प्रतिशत और 80 प्रतिशत रही.’’ सीरो पॉजिटिविटी का संदर्भ किसी व्यक्ति के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी से है.

 

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