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2 से 18 साल वालों के लिए बिल्कुल सेफ है कोवैक्सीन

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने कोवैक्सीन को लेकर उठ रही क्षमता के सवाल पर अपना जवाब दिया है। कंपनी ने शुक्रवार को घोषणा कर कहा कि हमारे द्वितीय/तृतीय चरण के अध्ययन के दौरान बच्चों के लिए कोविड-19 टीका कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, साथ ही कहा कि कोवैक्सीन रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने वाला टीका साबित हुआ है। एक जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि कंपनी के अध्ययन को स्वीकार कर लिया गया है। इसे ‘लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीजेस’ पत्रिका में भी प्रकाशित किया गया है।

भारत बायोटेक ने किया बहुकेंद्रित अध्ययन

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की क्षमता को पता लगाने के लिए द्वितीय व तृतीय चरण का बहुकेंद्रित अध्ययन किया था। इस परीक्षण की खास वजह यह कि अगर दो वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों और किशोरों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जाता है तो यह उनके लिए कितना सुरक्षित होगा। इसके साथ ही कोवैक्सीन जिसके शरीर में लगाई जा रही है। टीका लगाने के बाद शरीर क्या प्रतिक्रिया देगा और उनकी प्रतिरक्षा क्षमता पर इसका क्या असर होगा।

परीक्षा में पास हुई कोवैक्सीन

कोवैक्सीन की जांच के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2021 से सितंबर 2021 के बीच बच्चों पर किए गए नैदानिक परीक्षण के परिणाम में यह टीका सुरक्षित पाया गया। टीका लगाने के बाद इसका स्वास्थ्य पर कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ और बल्कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी। यह जानकारी अक्टूबर, 2021 में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को सौंपी गई और इसे छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के लोगों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई थी।

सार्वभौमिक टीका बनाकर हासिल किया लक्ष्य

भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा, ‘बच्चों के लिए टीके का सुरक्षित होना महत्वपूर्ण है और हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आंकड़े कोवैक्सीन के बच्चों के लिए सुरक्षित होने और इससे उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ने की बात साबित करते हैं।बायोटेक अध्यक्ष ने कहा कि हमने प्राथमिक टीकाकरण और बूस्टर खुराक के तौर पर देने के लिए वयस्कों और बच्चों के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 टीका विकसित कर और कोवैक्सीन को एक सार्वभौमिक टीका बनाकर अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। भारत में बच्चों को दी गईं पांच करोड़ से अधिक खुराकों के आंकड़ों के आधार पर यह टीका अत्यधिक सुरक्षित साबित हुआ है। टीके एक अत्यंत निवारक उपकरण हैं और यदि टीकों को ‘रोग निरोधी के रूप’ में इस्तेमाल किया जाए, तभी इनकी शक्ति का उपयोग किया जा सकता है’।

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