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‘अग्निवीरों’ को रक्षा मंत्रालय में भी मिलेगा 10% आरक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए रक्षा मंत्रालय में नौकरी की रिक्तियों के 10% को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह 10% आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा नागरिक पदों  और सभी 16 सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों  में लागू किया जाएगा, जो भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा। इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रासंगिक भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को सलाह दी जाएगी कि वे अपने संबंधित भर्ती नियमों में समान संशोधन करें। आवश्यक आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।

‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा 14 जून को हुई थी। उसके अगले ही दिन से देश के कई बड़े राज्यों में युवा इसके विरोध में सड़कों पर उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की, जिसमें व्यापक पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। यह प्रदर्शन लगातार 3​ दिनों तक जारी रहने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपने आवास पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर चौधरी और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अधिकारियों की मौजूदगी में ‘अग्निपथ योजना’ की समीक्षा की। इसके कुछ देर बाद ही रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला आया, जिसके बारे में रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई।

इससे पहले अग्निवीरों के लिए शनिवार को ही गृह मंत्रालय ने भी बड़ी घोषणा की। गृह मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई कि CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। साथ ही युवकों को आयु सीमा में भी छूट देने का फैसला किया है। CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 साल की छूट देने का फैसला किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी।  बीते बुधवार को गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों व असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

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