Close

छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रीन ऑटोमेटिव फ्यूल (कम्प्रैस्ड बायोगैस) के उत्पादन की असीम संभावनाएं – डॉ. दीपक द्विवेदी

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के मुख्यालय भवन में आज डॉ. दीपक द्विवेदी, डीन, राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, टैक्नोलॉजी, अमेठी द्वारा ‘डेवलेपमेंट ऑफ न्यू सस्टेनेबल (जंगरोधी) बायोगैस प्लांट इंटिग्रेटेड विथ वर्मी कम्पोस्टिंग यूनिट सुटेबल फॉर छत्तीसगढ़ एवं स्टेब्लिशिंग द फैसेलिटी ऑफ ग्रीन ऑटोमेटिव फ्यूल प्रोडक्शन इन छत्तीसगढ़ इंटिग्रेटिंग नरवा, घुरवा, गरूवा, बाड़ी स्कीम’ पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया।

छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं

डॉ. द्विवेदी ने बताया कि उनके इस प्रोजेक्ट की छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। प्रस्तुतीकरण के प्रारंभ में मण्डल के सदस्य सचिव, श्री आर.पी. तिवारी ने डॉ. दीपक द्विवेदी का परिचय देते हुए बताया कि यह दोनो विषय छत्तीसगढ़ के लिये बेहद महत्वपूर्ण है तथा इन दोनो प्रोजेक्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ में न केवल पर्यावरण बेहतर होगा बल्कि इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी। श्री तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में म्यूनीसिपल सॉलिड वेस्ट का निस्तारण एक बहुत बड़ी समस्या है एवं इस प्रकार के प्रोजेक्ट से ना केवल म्यूनीसिपल सॉलिड वेस्ट का सुरक्षित निपटान हो सकेगा, अपितु ग्रीन ऑटोमेटिव फ्यूल (कम्प्रैस्ड बायोगैस) का उत्पादन भी हो सकेगा। प्रस्तुतीकरण में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, मुख्यालय के सभी वरिष्ट अधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

One Comment
scroll to top