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जी7 शिखर सम्मेलन: भारत और चार अन्य देशों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का संकल्प लिया

जी7 समूह और भारत समेत पांच भागीदार देशों के नेताओं ने कहा है कि वे स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा करते हुए सार्वजनिक संवाद और ऑनलाइन व ऑफलाइन सूचना के मुक्त प्रवाह को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार को यहां जारी ‘2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट’ शीर्षक से एक संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी नेताओं ने कहा कि वे इन सिद्धांतों की रक्षा के लिए तैयार हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का संकल्प लेते हैं।

यह संयुक्त बयान इन आरोपों के बीच आया है कि भारत सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इसकी वकालत करने वालों की आवाज दबा रही है। नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र खुली सार्वजनिक बहस, स्वतंत्र व बहुलवादी मीडिया और ऑनलाइन व ऑफलाइन सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को सक्षम बनाते हैं। साथ ही इससे नागरिकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए वैधता, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही को समान रूप से बढ़ावा मिलता है।

नेताओं ने कहा कि उन्होंने ”ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों पर अभिव्यक्ति व विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय पहलों के माध्यम से एक स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया परिदृश्य सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है।”

जी7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है। जी7 शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मनी ने भारत के अलावा अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि के रूप में सम्मेलन में आमंत्रित किया था।

 

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