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खतरे के निशान से ऊपर बह रही ये नदियां, असम बाढ़ से बिगड़े हालात

गुवाहाटी, असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को और अधिक बिगड़ने से पांच और लोगों की मौत हो गई तथा 24.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कछार के सिलचर शहर में ज्यादातर इलाके हफ्ते भर से अधिक समय से जलमग्न हैं। अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ से कछार में तीन और मोरीगांव और धुबरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राज्य में इस साल बाढ़ से जुड़े हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 139 हो गई है।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही ये नदियां

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDAM) के बुलेटिन के अनुसार, तीन अन्य लोग लापता हैं, जिनमें कछार में दो और चिरांग जिले का एक व्यक्ति गायब है। पिछले 24 घंटे में राज्य के 28 जिलों में 24.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सोमवार को 22 जिलों में 21.52 लाख लोग पीड़ित थे। ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि अन्य नदियों में जल स्तर घट रहा है।

हालात पहुंचे सीएम हिमंत बिस्वा

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए बैजली जिले के कुवारा में तटबंध में टूट वाली जगह का दौरा किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कालदिया नदी के पानी से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति तथा उससे हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रंजीत कुमार दास के साथ बैजली के पताचारकुची में कुवारा का दौरा किया।’’

पर्यटन मंत्री ने बाढ़ राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा

पहुमारा नदी के तटबंध को मजबूत करने और उस पर सड़क निर्माण के लिए नौ करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। सिलचर में पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने बाढ़ राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। असम मिशन निदेशक लक्ष्मी प्रिया के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के एक दल ने भी प्रभावित लोगों के लिए उचित चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए शहर का दौरा किया।

एनएचएम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है तथा विभिन्न राहत केंद्रों में बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य शिविर शुरू किए गए हैं। दिन में कुल 7,212 लोगों की जांच की गई और जो बहुत बीमार पाए गए उन्हें अस्पताल भेजा गया। सिलचर में एक सप्ताह से अधिक समय से पानी भरा हुआ है। जिन लोगों तक पहुंचना मुश्किल है, उन तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

घर का कूड़ा-कचरा सड़कों पर नहीं फेंकने का आह्वान

कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने बताया कि लोगों के बीच पानी के पाउच और पानी को साफ करने वाली गोलियां बांटी जा रही हैं। जल्ली ने लोगों से बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए घर का कूड़ा-कचरा सड़कों पर नहीं फेंकने का आह्वान किया। एएसडीएमए के अनुसार, राज्य भर में 72 राजस्व सर्किल के कुल 2,389 गांव प्रभावित हुए हैं और 1,76,201 लोग 555 राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं। बाढ़ के पानी ने 155 सड़कों और पांच पुलों को नुकसाना पहुंचाया है, जबकि सात तटबंध टूट गए हैं – पांच हैलाकांडी में और दो बिश्वनाथ में।

 

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