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ऊर्जा की बचत के लिए क्रेडा में हुई बैठक

रायपुर, भवनों में ऊर्जा की बचत एवं उद्योगों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दिये जाने के लिए पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक कटियार  की अध्यक्षता में क्रेडा के प्रधान कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हुई और उनकी सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए विचार-विमर्श किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (एनर्जी कन्वर्सेशन  बिल्डिंग कोड-ईसीबीसी)‘‘ 2017 में संशोधन  कर अधिसूचित किया जा चुका है। प्रदेश में आने वाले समय में निर्मित होने वाले भवनों में एनर्जी कन्वर्सेशन  बिल्डिंग कोड-ईसीबीसी)‘ पूरी तरह लागू हो जाएगा। देश के दो केन्द्र शासित प्रदेशों सहित 21 राज्यों में इसका अनुपालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी ईसीबीसी को प्रदेश की जलवायु के अनुकुल एवं ऊर्जा आवश्यकता अनुसार संशेधित कर अधिसूचित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। क्रेडा इसके लिये राज्य द्वारा नामित नोडल एजेंसी है। वर्ष 2012-2019 के दौरान उद्योगों द्वारा ऊर्जा दक्षता का क्रियान्वन किए जाने पर अनुमानित 2.195 मिलियन टन  तेल के बराबर ऊर्जा की बचत हुई।

पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में  प्रदेश को किस तरह से ऊर्जा दक्ष प्रदेश के रूप में विकसित किया जावे और इसके लिए  मुख्यमंत्री के  सुझाव के आधार पर अधिक ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में ऊर्जा दक्षता आधारित तकनीकों के क्रियान्वयन एवं भवनों में ऊर्जा संरक्षण के उपायों को लागू किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने तथा औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा बचत की उपलब्धियों पर चर्चा की गई।
प्रदेश में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा खपत को कम करने हेतु व्यावसायिक भवनों में ऊर्जा दक्षता लक्षित परियोजना ‘‘ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता‘‘ तथा अधिक ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में PAT परियोजना की आगामी कार्ययोजना पर भी  विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

बैठक में  संजीव जैन, मुख्य अभियंता,  राजीव ज्ञानी, अधीक्षण अभियंता, निहार रंजन साहू (परियोजना समन्वयक),  डाॅ. प्रियंका पचौरी  (परियोजना समन्वयक), ईसीबीसी सेल तथा PAT  सेल के सदस्य, कुशल तिवारी (परियोजना समन्वयक), उपस्थित थे।

 

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