महाराष्ट्र में सियासी संग्राम के बाद अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को झटके पर झटका लग रहा है। बता दें कि अब ठाणे नगर निगम पर उद्धव ठाकरे का नियंत्रण नहीं रहा है। दरअसल ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। यह उद्धव गुट के लिए तगड़े झटके के समान है।
इससे पहले शिंदे गुट में जाने वाले 66 पार्षदों ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से बुधवार को मुलाकात की थी। बता दें कि उद्धव ठाकरे लगातार अपने गुट में इस बात का संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि उनका गुट कार्यकर्ता और संगठन के मामले में अब भी मजबूत है। सिर्फ बागी विधायक ही शिंदे गुट में गये हैं।
40 विधायक 12 सांसद जा सकते हैं शिंदे गुट में
फिलहाल उद्धव ठाकरे की मुश्किलें यहीं कम होती नहीं दिख रही है। उद्धव के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में मंत्री रहे गुलाबराव पाटिल ने दावा किया है, “शिवसेना के बागी खेमे में 55 में से 40 विधायक हैं। और 18 में से 12 सांसद भी हैं। इनमें से चार सांसदों से मैं व्यक्तिगत रूप से मिल चुका हूं। इसके अलावा हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं।”
नया व्हिप प्रमुख की नियुक्ति
साफ है कि शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं शिवसेना ने पार्टी सांसदों के बागी होने की आशंका के बीच अपने नये व्हिप प्रमुख की नियुक्ति की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया कि भावना गवली की जगह राजन विचारे को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है।
आनंद राव अडसुल का इस्तीफा
पूर्व सांसद आनंद राव अडसुल के एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल होने को लेकर संजय राउत ने कहा कि आनंद राव ने इस्तीफा दिया है। मुझे पता चला है कि उनके खिलाफ ईडी कार्रवाई चल रही थी। उनके आवास पर भी छापेमारी हुई थी। दबाव के चलते उन्होंने ऐसा किया। इस तरह का दबाव कई नेताओं पर है।
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