रायपुर। मांगों पर ध्यान नहीं देने से प्रदेश सरकार के प्रति कर्मचारी संगठनों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। वे आंदोलन की राह पकड़ने वाले हैं। मामले को लेकर कर्मचारी संगठनों में बैठकों का दौर चल रहा है। सभी ने महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान को लेकर बड़े आंदोलन का निर्णय लिया है।
बता दें कि प्रदेश में महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर भी कर्मचारियों में नाराजगी है। इसे लेकर कर्मचारी लगातार अलग-अलग बैनर तले धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को शासन के समक्ष रख रहे हैं।
प्रदेश में सफल शिक्षाकर्मी आंदोलन के बड़े चेहरे रहे छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एकता का संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी संगठन अब एक साथ एक मंच पर आंदोलन करें। तभी हमें DA और सातवें वेतनमान के अनुरूप HRA की प्राप्ति होगी।
वीरेंद्र दुबे और संजय शर्मा ने अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा और मंहगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिल शुक्ला से अपील की है कि कर्मचारी हित मे एकजुटता होना ही समाधान है। तभी कर्मचारियों की मांगे पूरी होंगी। दोनों संयोजकों को यदि किसी के बैनर से आपत्ति हो तो मिलकर एक मंच और समिति का निर्माण कर संघर्ष किया जा सकता है।
पदाधिकारियों का कहना है कि अब समय एक, दो दिन के आंदोलन का नहीं है, बल्कि अनिश्चिकालीन आंदोलन का है। इसलिए अब इस दिशा में ईमानदारी से आगे बढ़ने की जरुरत है। वीरेंद्र दुबे ने कमल वर्मा और अनिल शुक्ला से आग्रह करते हुए कहा है कि आप अपनी टीम को 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए तैयार कर आंदोलन में सहभागिता प्रदान करें। हमेम एकजुटता के साथ आंदोलन करने से सफलता जरूर मिलेगी।