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नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा- इंधन के दामों को लेकर दुविधा में है सरकार

 देश भर में पेट्रोल-डीजल और अन्य इंधन के दामों में लगातार तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. इंधन के दामों में कैसे कमी लाई जाए इसको लेकर विशेषज्ञों की अलग अलग राय है. अब इस मामलें में नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने भी बड़ी बात कही है.

अमिताभ कांत ने कहा है कि देश में इंधन के बढ़ते दामों को लेकर सरकार असमंजस की स्थिति में है. इसमें सबसे बड़ा चैलेंज ग्रोथ को लेकर है जिसके लिए भारी मात्रा में निवेश की आवश्यकता है. साथ ही कोरोना महामारी के चलते पहले ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की जरुरत है इन सब कारणों से केंद्र सरकार इंधन की कीमतों में कमी करने को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रही है.

अमिताभ कांत ने कहा, “सरकार के सामने ये बेहद ही मुश्किल सवाल खड़ा हो गया है. इनमें से एक प्रमुख चुनौती देश की ग्रोथ को लेकर है. साथ ही अगर आप वर्तमान की अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं तो इसके लिए अधिक से अधिक निवेश कर के बुनियादी ढांचे के निर्माण की गति को तेज करना बेहद अहम है.”

टॉप क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

अमिताभ कांत ने साथ ही कहा कि इस समय टॉप क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की जरुरत है. इस से देश में नए रोजगार के अवसरों का भी निर्माण होगा. उन्होंने कहा, “मेरे विचार से, भारत की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए अधिक से अधिक संसाधनों को बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगाना होगा. इस से देश में एक टॉप क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने में मदद मिलेगी जिस से रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे.”
साथ ही उन्होंने कहा, “सरकार के लिए इन संसाधन को जुटाना भी एक समस्या है. अगर उसके पास संसाधन नहीं होंगे तो वह इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं कर पाएगा. अब सरकार को जल्द से जल्द इस बात का चुनाव करना है कि यदि वो इंधन के दामों में कटौती करती है तो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश कहां से आएगा.”

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, “कोरोना काल के दौरान सरकार 80 करोड़ लोगों को भोजन की आपूर्ति कराने में सफल रही है. मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से चले इस दौरान इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है.”

 

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