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छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली से खरीदा जाएगा गौ-मूत्र, प्रति लीटर मिलेगा 4 रुपए

रायपुर। छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी की योजना की सफलता के बाद राज्य सरकार ने एक और पहल की है। अब गौ-मूत्र की भी खरीदी की जाएगी। आमजन इसे भी इकट्ठा कर रोजगार का माध्यम बना करते हैं।

इस योजना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार 28 जुलाई को हरेली तिहार से गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोबर के साथ गौ-मूत्र की खरीदी की जाएगी। गौ-मूत्र की खरीदी के लिए 4 रुपए प्रति लीटर की दर तय की गई है। खरीदे गए गौ-मूत्र का उपयोग जीवामृत कीटनाशकों और खाद के निर्माण के लिए किया जाएगा।

राज्य में जैविक खेती को मिलेगी और मजबूती
शासन की योजना के अनुसार इससे राज्य में जैविक खेती को और मजबूती मिलेगी और पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। सीएम ने आज विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में यह बात कही। ‘गोधन न्याय योजना‘ की दूसरी सालगिरह पर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 48वीं किश्त की राशि के रूप में 7 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किए। उसके बाद कार्यक्रम में इस आशय की जानकारी दी।

वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर मिलेगा बोनस
सीएम ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों और सहकारी समितियों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर बोनस दिया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। महिला समूहों को प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर 1 रुपए और सहकारी समितियों को 10 पैसे का बोनस मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 जुलाई 2022 तक बिक चुके कम्पोस्ट के लिए महिला समूहों को बोनस के रूप में 17 करोड़ 64 लाख रुपए और सहकारी समितियों को 01 करोड़ 76 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

गोधन न्याय योजना की राशि जारी
मुख्यमंत्री बघेल द्वारा आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में अंतरित की गई राशि जारी की गई है। इसमें एक जुलाई से 15 जुलाई तक राज्य के गौठानों में पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.69 करोड़ रूपए भुगतान किया गया। इसी तरह गौठान समितियों को 2.88 करोड़ और महिला समूहों को 1.91 करोड़ रुपए की लाभांश राशि का भुगतान शामिल है।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय विनोद वर्मा और रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

योजना के दो साल पूरे
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर योजना के सभी हितग्राहियों और प्रदेशवासियों को बधाई दी। कहा कि 20 जुलाई 2020 को हरेली तिहार के दिन से हम लोगों ने छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक राज्य में लगातार गोबर की खरीदी और वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है।

योजना की सफलता का देशभर में चर्चा
केवल 02 वर्षों में इस योजना ने जो सफलताएं अर्जित की हैं। उसे पूरे देश में इस योजना को सराहा जा रहा है। देश के अनेक राज्यों ने हमारा अनुसरण करके अपने यहां भी इसी तरह की योजनाएं लागू की हैं। हम गोबर खरीद कर न केवल वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं, बल्कि गोबर से बिजली उत्पादन करने, प्राकृतिक पेंट बनाने, तरह-तरह की सामग्री बनाने का काम भी हम कर रहे हैं।

योजना ने महिलाओं को बनाया स्वावलंबी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना ने स्व-सहायता समूहों की हमारी बहनों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने का एक बड़ा अवसर दिया है। गोबर विक्रेताओं और गोठान समितियों ने भी इन दो वर्षों में अच्छी आय अर्जित की है। किसान भाईयों में पशुपालन को लेकर रुचि बढ़ी है। गौठानों में संचालित विभिन्न आजीविका गतिविधियों से 13 हजार 969 स्व सहायता समूहों को अब तक 74 करोड़ 68 लाख रुपए की आय हो चुकी है।

गौठानों में कई प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ही गौठानों में तेल मिल और दाल मिल जैसी प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा रही है। राज्य के गौठानों 227 तेल मिलों और 251 दाल मिलों की स्थापना की जा रही है। इनमें से 86 तेल मिल और 134 दाल मिल स्थापित की जा चुकी हैं। आने वाले समय में गोधन न्याय योजना सफलता के और नए आयाम स्थापित करेगी।

अब तक 8 हजार 408 गौठान निर्मित
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज गोधन न्याय योजना को दो वर्ष हो गए हैं। योजना का अब तक काफी विस्तार किया गया है। योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इस योजना से ग्रामीणों, पशुपालकों, महिला समूहों को आय और रोजगार का नया साधन मिला है। योजना के तहत अब तक 8 हजार 408 गौठान निर्मित किए गए हैं।

योजना के प्रति ग्रामीणों व किसानों का जगा विश्वास
चौबे ने बताया कि लगभग 1456 गौठान ऐसे हैं जहां 30 क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी 01 से 15 जुलाई तक की गई है। ग्रामीणों और किसानों का विश्वास योजना के प्रति जगा है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने योजना की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।

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