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जीपी मामले में हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

निलंबित सीनियर आईपीएस जीपी सिंह की दोनों याचिकाओं पर लंबी चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने को लेकर अपना फैसला रिजर्व रख लिया है। निलंबित सीनियर आईपीएस जीपी सिंह की दोनों याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने को लेकर अपना फैसला रिजर्व रख लिया है। लगभग 5 घंटे तक लंबी चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व किया है। अब इस मामले में गुरुवार को कोर्ट अपना फैसला जारी कर सकता है।

मंगलवार को जीपी सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी तो वहीं राज्य सरकार के तरफ से सीनियर एडवोकेट के.टी.एस तुलसी के बीच 5 घंटे तीखी बहस हुई। दोनों के बीच यह बहस लगभग सुबह 11 बजे से शुरू हुई जोकि शाम 4:30 बजे तक चलती रही। बहस के दौरान जीपी सिंह की तरफ से पैरवी कर रहे किशोर भादुड़ी ने उन्हें अंतरिम राहत देने की मांग की। जबकि राज्य सरकार के वकील इसका विरोध करते दिखाई दिए। इससे पहले जीपी सिंह केस में हाईकोर्ट ने शासन को केस डायरी प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था, जिसे राज्य सरकार ने मंगलवार को पेश कर दिया है।

आईपीएस पर राजद्रोह और भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब की थी। जीपी सिंह ने अपने वकील किशोर भादुड़ी के माध्यम से रिट पिटिशन दायर कर मांग की है कि उनके खिलाफ एसीबी और रायपुर सिटी कोतवाली में जो मामले दर्ज किए गए हैं, उसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी जैसे कि सीबीआई से कराई जाए। अपनी इस याचिका में अंतरिम राहत की मांग करते हुए उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक की भी मांग की गई है। इसके साथ ही उन्होंने एक और याचिका दायर कर सरकार द्वारा अपने खिलाफ दायर किए गए राजद्रोह के केस को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी है। दोनों ही मामलों पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

 

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