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विधानसभा सत्रः दो सप्ताह पहले लगाए सवाल का नहीं आया जवाब, जैम पोर्टल से खरीदी मामले पर आसंदी ने लिया संज्ञान

रायपुर। विधानसभा सत्र के दौरान जैम पोर्टल से सामग्री क्रय का मामला उठाया गया। दो सप्ताह पहले लगाए गए सवाल का जवाब अब तक नहीं आने पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन पर सवाल उठाया। जवाब नहीं आने पर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर आसंदी ने आपत्ति दर्ज करते हुए सरकार को समय पर जवाब सुनिश्चित करने निर्देशित किया।

सदन में आसंदी से नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि अब तक प्रश्नों का जवाब नहीं आया है। जवाब जानकारी एकत्रित की जा रही है कहा जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि 20-25 दिन पहले सवाल लगाया जाता है। उसके बाद भी जवाब अधर में। कौशिक ने कहा सदस्य उम्मीद करते हैं कि जवाब समय पर मिले, लेकिन जवाब नहीं आता। इस पर स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने विषय पर आधे घंटे की चर्चा की अनुमति दी।

नेता प्रतिपक्ष सरकार पर हमलावर
सदन की कार्यवाही के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद संभवतः यह पहला अवसर होगा कि विधानसभा के पटल पर प्रश्न की सूचना 21 दिन पूर्व देने के बाद भी उस पर समय पर जवाब नहीं आया। ऐसे में प्रदेश सरकार के अधिकारियों की सदन के प्रति असंवेदनशीलता को दिखाता है।

ऐसे में विधानसभा से प्रश्न आगे बढ़ाने की मांग
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा से प्रश्न को आगे बढ़ाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की जानी थी, जो अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को बताता है। इस मसले पर जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।

ऐसा कदम भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उठाया
विधानसभा के सत्र को प्रदेश के सभी विभागों को गंभीरता से लेना चाहिए। वास्तव में करोड़ों रुपए की खरीदी जैम पोर्टल के माध्यम से हुई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2021 से जैम पोर्टल से खरीदी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस तरह के कदम केवल भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उठाया गया है।

मुख्य सचिव को संज्ञान में लेना चाहिए
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विधानसभा के सदन में छत्तीसगढ़ के बुनियादी मुद्दों को रखा जाता है। इस पर प्रशासन की गंभीरता बताती है कि प्रदेश की सरकार का यही नवा छत्तीसगढ़ का मॉडल है जहां अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। इस पर मुख्य सचिव को संज्ञान में लेना चाहिए। प्रशासन के नियम के मुताबिक जानकारी नहीं दी जा रही है। पूरी सरकार अक्षम हो चुकी है।

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