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विधानसभा सत्रः धान खरीदी व कस्टम मिलिंग के मुद्दे में मंत्री के जवाब पर विपक्ष बोला भ्रष्टाचार पर डाल रहे पर्दा

रायपुर। विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार चल रहा है। भाजपा विधायक कई मुद्दों को सदन में रखकर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं। तीसरे दिन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग का मामला उठाया गया।

तीन साल के दौरान की गई धान खरीदी के शेष धान पर जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल उठाया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने उच्च न्यायालय में प्रकरण चलने की बात कहते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया। इस पर विधायक ने न्यायालय के नाम पर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की बात कही।

आगे जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में हुई धान खरीदी का 14.77 लाख मीट्रिक टन शेष धान कहां गया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विधायक अजय चंद्राकर ने इस प्रकरण को उच्च न्यायालय ले गए हैं, इसलिए इसका जवाब देना उचित नहीं है।

मेरी याचिका अभी लंबित
मंत्री के जवाब के बाद इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि मेरी याचिका अभी लंबित है। याचिका स्वीकार नहीं की गई है। वहीं धर्मजीत सिंह ने कहा कि न्यायालय के नाम पर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की का रही है।

सड़क निर्माण का काम बीच में छोड़ने पर सवाल
सदन में दोरनापाल-चिंतलनार-जगरगुंडा की सड़क बनाने का ठेका लेने वाली कंपनी के ठेका बीच में छोड़े जाने पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाया गया। इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की तरफ़ से जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री मो. अकबर ने कहा कि दस फ़ीसदी पेनाल्टी और राजसात की कार्रवाई का नोटिस दिया गया है।

केंद्र ने रि-टेंडरिंग के लिए मना किया था
सौरभ सिंह ने पूछा कि रि-टेंडरिंग के लिए क्या केंद्र सरकार से किसी तरह की चिट्ठी आई थी। ये पूरी सड़क बनाने के लिए पैसा एनएचएआई देता है। केंद्र ने चिट्ठी लिखकर रि-टेंडरिंग के लिए मना किया था। मो. अकबर ने कहा कि टेंडर के जरिए ठेका दिया गया है। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को पैसा नहीं आया है।

स्मार्ट सिटी पर कांग्रेस विधायक ने मंत्री को घेरा
वहीं कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर अपने ही मंत्री को घेरा पूछा प्रदेश के कौन-कौन से नगरों को स्मार्टसिटी योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई ह,. जिसे स्वीकृति दी गई वह कितने लागत की है। ठेका किस फर्म को दिया गया है। मंत्री डहरिया ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर को भारत सरकार से स्वीकृति मिली है। इसके कार्य के लिए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया, जिसके अधीन काम किया जा रहा है।

बैठकों में नहीं बुलाए जाने की शिकायत
धनेन्द्र साहू ने स्मार्ट सिटी की बैठकों में नहीं बुलाए जाने की शिकायत सदन में की। उनके विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांवों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल करने की बात कही। विधायक धर्मजीत ने समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों को बैठक में बुलाए जाने पर अधिकारियों को क्या आपत्ति है। मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि अधिकारियों को इसके बारे में निर्देश दूंगा।

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