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विधानसभा मानसून सत्र : खराब सड़कों पर हंगामा, संयुक्त विपक्ष ने वॉकआउट किया

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में तीसरे दिन भी खूब हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में खराब सड़कों का मामला उठा। विपक्ष के विधायकों ने आरोप था कि केवल सत्ता पक्ष के विधायकों-मंत्रियों के क्षेत्र में ही काम कराया जा रहा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने यहां तक कह दिया कि सरकार मुंगेली जिले में स्वीकृत सभी काम वापस ले ले। नाराजगी और हंगामे के बीच जनता कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने वॉकआउट किया।

जैजैपुर विधानसभा में सड़कों काे लेकर सवाल

बसपा विधायक ने प्रश्नकाल में जांजगीर-चांपा के जैजैपुर विधानसभा में सड़कों काे लेकर सवाल किया। सामने आया कि जिन सड़कों को कभी स्वीकृति दी गई थी, उनके लिए बजट का आवंटन नहीं किया गया। ताम्रध्वज साहू की जगह पर लोक निर्माण विभाग के सवालों का जवाब दे रहे वन मंत्री मोहम्मद अकबर के जवाब से चंद्रा संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि सरकार अनदेखी कर रही है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह भी सवालों को लेकर खड़े हुए।

असंतुष्ट धर्मजीत सिंह ने वॉकआउट किया

उन्होंने आरोप लगाया कि केवल मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायको के क्षेत्र में सड़कों को प्रशासकीय स्वीकृति मिल रही है। उन्होंने कहा, जिन परियोजनाओं के मंजूरी के नाम पर सरकार स्थानीय लोगों से वाहवाही पा रही है। लोग सम्मानित कर रहे हैं। उन परियोजनाओं को भी बाद में बंद कर दिया जा रहा है। धर्मजीत सिंह ने कहा, सरकार मुंगेली में ऐसे सभी काम वापस ले ले। बाद में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट धर्मजीत सिंह ने वॉकआउट किया। उनके साथ भाजपा के विधायक भी सदन से बाहर चले गए।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार धान खरीदी का कोई पैसा नहीं देती। मार्कफेड कर्ज लेकर धान खरीदता है। मीलिंग के बाद जब केंद्र सरकार को चावल जमा होता है तो उसके एवज में केंद्र सरकार भुगतान करती है। जो धान केंद्रीय पूल में जाएगा, केंद्र सरकार उसी का पैसा देगी। जो स्टेट पूल अथवा नान को जाता है उसका पैसा राज्य सरकार को देना पड़ता है।

भाजपा ने पूछा कि केंद्र सरकार प्रोत्साहन राशि देती है?

भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार धान खरीदी में प्रोत्साहन की राशि देती है। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, वर्ष 2014 के बाद केंद्र सरकार ने प्रोत्साहन राशि देना बंद कर दिया है। प्रोत्साहन राशि तो केंद्र देती ही नहीं है। वह कहती है कि जो भी राज्य प्रोत्साहन राशि देंगे उनका चावल हम नहीं खरीदेंगे।

 

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